सपा के गढ़ कन्नौज में कमल खिलाएंगे पुलिस आयुक्त असीम अरुण !

उत्तर प्रदेश विधान सभा का चुनावी बिगुल बज चुका है और अब राजनेताओं द्वारा पाला बदलने का खेल शुरु हो गया है। यह तो हर आम चुनाव में होता और पाला बदलने वाले नेता चर्चा में रहेंगे, लेकिन इस बार पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी यानी कानपुर पुलिस कमिश्नर ने आचार संहिता के पहले ही दिन अपने को चर्चा में ला दिये। उन्होंने पहले तो वीआरएस के लिए आवेदन किया तो वहीं फेसबुक पोस्ट से यह भी सुनिश्चित कर दिया कि भाजपा में उनका रुझान है। इससे माना जा रहा है कि अपने पैतृक जनपद कन्नौज की सदर विधानसभा व सपा के गढ़ से विधान सभा का चुनाव लड़कर कमल को खिलाने का काम करेंगे।

भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधान सभा चुनाव को लेकर तिथियों का एलान कर दिया। इसके साथ ही अब टिकट के दावेदारों का उठापटक होना लाजिमी है, जिसकी चर्चा होना राजनीतिक गलियारों में स्वाभाविक है और जनता भी राजनेताओं की उठापटक पर नजर गड़ाए हुए हैं। लेकिन पहले ही दिन कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के पहले पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर अपने को चर्चा में ला दिये। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि मैं वीआरएस (एच्छिक सेवानिवृत्त) के लिए आवेदन कर दिया हूं। यह तक तो सही रहा, लेकिन अगली ही उनकी लाइन रही कि मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मा. योगी आदित्यनाथ जी ने मुझे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता के लिए योग्य समझा। इसी शब्दावली से साफ हो गया कि अंदरखाने सब कुछ तय हो चुका है। अगर न हुआ होता तो बिना वीआरएस लिए किसी राजनीतिक पार्टी की सदस्यता संभव नहीं थी।

कन्नौज सदर सीट से लड़ सकते हैं चुनाव

उत्तर प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस असीम अरुण पुलिस विभाग के कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। एडीजी पद पर रहते हुए जब कानपुर में कमिश्नरेट लागू हुआ तो उन्हे कानपुर का पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया। 26 मार्च 2021 को उन्होंने बतौर पुलिस कमिश्नर का चार्ज संभाला था। करीब नौ माह बाद 08 जनवरी को उन्होंने वीआरएस लेने के आवेदन की जानकारी फेसबुक पेज पर सार्वजनिक कर दी और जता दिया कि भाजपा में वह अगली नई पारी खेलेंगे। सूत्रों के अनुसार वह अपने गृह जनपद कन्नौज की सदर विधान सभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। इसको लेकर उनकी बात पार्टी हाईकमान से फाइनल हो चुकी है। बताते चलें कि कन्नौज के सदर विधान सभा अन्तर्गत ठठिया थाना के गोरनपुरवा पर उनका पैतृक निवास है। पिछले वर्ष जुलाई माह में उन्होंने अपनी मां के निधन पर अपने पैतृक आवास पर शांति पाठ कराया था, तभी लोगों को मालूम हो सका कि उनका पैतृक गांव कन्नौज है। हालांकि उनका पूरा परिवार लखनऊ में रहता है और उनके पिता श्रीराम अरुण उत्तर प्रदेश के डीजीपी भी रह चुके हैं।

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सपा का गढ़ है कन्नौज सदर सीट

पिछले विधान सभा चुनाव में मोदी लहर के आगे विपक्षी पार्टियों के अधिकांश दिग्गज चुनाव हार गयें। कानपुर बुन्देलखण्ड की 52 सीटों में 47 सीटों पर भाजपा का कमल खिला था। हारने वाली पांच सीटों में कन्नौज की सदर सीट भी रही जहां पर सपा के अनिल दोहरे तीसरी बार जीत दर्ज की और भाजपा के बनवारी लाल दोहरे को करीब 25 हजार वोटों से हराया था। इस सुरक्षित सीट पर भाजपा ऐसे उम्मीदवार को खोज रही थी जो सकारात्मक चर्चा का विषय बने और पूरी संभावना है कि असीम अरुण इसी सीट से चुनाव लड़कर भाजपा का कमल खिलाने की पुरजोर कोशिश करेंगे।