पाकिस्तान का खूंखार आतंकवादी मंगल बाघ अफगानिस्तान में एक बम ब्लास्ट में मारा गया। तहरीक-ए-इस्लाम नाम के प्रतिबंधित आतंकी संगठन का मुखिया मंगल बाघ का नाम बेहद खूंखार आतंकियों की फेहरिस्त में शामिल था। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंगल बाघ पर अमेरिका ने 30 हजार डॉलर का इनाम तक घोषित किया था। बताया जा रहा है कि बीते दिन दक्षिण अफगानिस्तान में एक बम ब्लास्ट में इस खूंखार आतंकवादी के चीथड़े उड़ गए।
खूंखार आतंकवादी मंगल बाघ की हुई मौत
इस बात की पुष्टि अफगानिस्तान सरकार ने एक बयान जारी करते हुए की है। सरकार का कहना है कि नांगरहार के आकिन जिले में सड़क किनारे हुए बम विस्फोट में आतंकी बाघ अपने दो सहयोगियों के साथ मारा गया है।
एक समाचार पत्र से मिली जानकारी के अनुसार, मंगल बाघ पहले ट्रक क्लीनर का काम करता था लेकिन बाद में उसने आतंकवाद का रास्ता अख्तियार कर लिया। वह प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से भी जुड़ा हुआ था। वह मूल रूप से पाकिस्तान के खैबर जिले का रहने वाला था, लेकिन पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई की वजह से पिछले कुछ सालों से अफगानिस्तान में रह रहा था।
इस खूंखार आतंकवादी ने अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के आकिन जिले के बांदर डेरा में आलीशान घर बनाया था। इसी घर से वह अपने संगठन का संचालन करता था और आतंकी साजिशों को अंजाम देता था। बताया जा रहा है कि गुरुवार को घर से कुछ ही दूरी पर हुए धमाके में उसकी मौत हो गई। माना जा रहा है कि खूंखार आतंकवादी मंगल बाघ को मारने के लिए ही बम प्लांट किया गया था। हालांकि, इस बारे में स्थानीय सरकार ने कुछ नहीं कहा है।
यह भी पढ़ें: ट्रैक्टर रैली हिंसा के बाद अब किसानों की मांगों को मिली नई मजबूती, शुरू होगी नई लड़ाई
समाचार पत्र से मिली जानकारी के अनुसार, मंगल बाघ की तामील पाकिस्तान के एक मदरसे में हुआ था और आतंकवादी बनने के बाद वो पाकिस्तान के कई इलाकों में युवाओं को अल्लाह के नाम पर लड़ने के लिए उकसाने का काम करता था। उसने कई युवाओं को अपने आतंकवादी संगठन में जोड़ने के काम किया और 2006 में उसे तहरीक-ए-इस्लाम आतंकवादी का सरगना बना दिया गया। जिसके बाद उसने एक दूसरे मुस्लिम समुदाय को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया था।