आज का दौर नवोन्मेश का है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवोन्मेश के साथ स्टार्ट-अप्स को लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं। लेकिन कम ही युवा हैं जो ऐसा कुछ नया कर पाते हैं। जनपद के तिरछाखेत-भवाली निवासी एक नवदंपति ने केवल छह माह पूर्व ऐसा करके न केवल मिसाल पेश की है, वरन उनके नवोन्मेष स्टार्ट-अप ‘पहाड़ी विजन’ को छह माह के भीतर ही देश भर के स्टार्ट-अप्स में तीसरा स्थान मिला है। खास बात यह है कि दोनों सरकारी स्कूल-कॉलेजों से पढ़े हैं, और बड़े मुकाम की ओर अग्रसर हैं।
धीरेंद्र और गुंजन का नवोन्मेष स्टार्टअप है ‘पहाड़ी विजन’
आम तौर पर लोग अपने प्रतिष्ठानों, संस्थानों, फैक्टरियों, कंपनियों आदि में बड़ी की संख्या में सुरक्षा व देखभाल के दृष्टिकोण से क्लोज सर्किट यानी सीसीटीवी कैमरे तो लगा लेते हैं, लेकिन वास्तव में उनकी मॉनीटरिंग नहीं कर पाते हैं। कैमरों की रिकॉर्डिंग भी आमतौर पर तभी देखी या खंगाली जाती है जब कोई घटना हो जाती है या किसी खास उद्देश्य के लिए उसे देखना जरूरी होता है।
धीरेंद्र और गुंजन अपने स्टार्ट-अप ‘पहाड़ी विजन’ के जरिए बड़े संस्थानों में लगे कितने भी अधिक संख्या में लगे सीसीटीवी कैमरों की अपने संस्थान में बैठकर 24 घंटे ‘लाइव मॉनीटरिंग’ करते हैं, और हर जरूरी बात की जानकारी, यहां तक कि बारिश होने पर किसी सामग्री के फैक्टरी के बाहर भीगने, कर्मचारियों के अनावश्यक गप्पे मारने या मोबाइल पर बात करने जैसी वांछित जानकारियां भी कंपनी प्रबंधन को उपलब्ध करते हैं। यानी सीसीटीवी कैमरे लगाने और ‘पहाड़ी विजन’ को इनकी लाइव मॉनीटरिंग का काम देने के बाद हर तरह की चिंता से मुक्ति मिलती है, और संस्थानों की कार्यदक्षता एवं सुरक्षा दोनों बढ़ती हैं।
देश भर के स्टार्ट-अप्स के राष्ट्रीय स्टार्टअप शिखर सम्मेलन में मिला तीसरा पुरस्कार
युवा उद्यमी गुंजन बेलवाल और धीरेंद्र रावत के स्टार्ट-अप पहाड़ी विजन को रोटरी इंडिया द्वारा कानपुर में आयोजित देश भर के स्टार्ट-अप्स के राष्ट्रीय स्टार्टअप शिखर सम्मेलन में तीसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के आर्थिक मामलों के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल व रोटरी क्लब के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मुकेश सिंघल ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया। इससे क्षेत्रवासी भी खुश हैं। डीएसबी परिसर के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने कहा कि धीरेंद्र व गुंजन ने अपने स्टार्टअप ‘पहाड़ी विजन’ का प्रतिनिधित्व करके क्षेत्र के साथ पूरे उत्तराखंड राज्य को गौरवान्वित किया है।
ऐसे हुई ‘पहाड़ी विजन’ की शुरुआत
धीरेंद्र रावत और उनकी पत्नी गुंजन रावत नैनीताल जनपद के भवाली के निवासी हैं और भवाली के स्थानीय विद्यालयों के साथ नैनीताल के डीएसबी परिसर से पढ़े हैं। इसके बाद गुंजन ने हल्द्वानी के एक निजी संस्थान से कम्प्यूटर कोर्स किया है। धीरेंद्र डीएसबी परिसर के छात्रसंघ कोषाध्यक्ष भी रहे हैं। इधर पढ़ाई के पूरा होने के बाद कोरोना व लॉकडाउन के दौरान जब पूरा देश-दुनिया थमी हुई सी थी। इसी दौरान करीब छह माह पहले दोनों की शादी हो गई। शादी के बाद दोनों ने कुछ अलग करने की ठानी और तिरछाखेत स्थित अदनान वाहनवटी के हील फॉर्म स्थित शून्य-वन फाउंडेशन और स्टीलबर्ड इंटरप्राइज की वित्तीय एवं अन्य मदद से अपना स्टार्ट-अप ‘पहाड़ी विजन’ शुरू किया। धीरेंद्र पहाड़ी विजन के निदेशक बने और गुंजन प्रबंधक। अपनी तरह का नया प्रयोग होने के कारण उन्हें लगातार कई संस्थानों से अनुबंध मिलते गए और उनका काम आगे चल पड़ा। अब वे छह माह में ही छह युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं।