हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भी अब उन विपक्षी नेताओं में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने लगभग दो दशक पहले गुजरात में हुए दंगों (Gujarat Riots) पर बीबीसी के दो भाग के वृत्तचित्र के खिलाफ सरकार की कार्रवाई की आलोचना की है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता ओवैसी ने रविवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए फिल्म गांधी गोडसे: एक युद्ध पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. यह फिल्म 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर रिलीज होने वाली है. केंद्र सरकार द्वारा यूट्यूब और ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर पिछले सप्ताह बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) इंडिया: द मोदी क्वेश्चन को प्रतिबंधित करने के केंद्र सरकार की पहल के बाद उन्होंने इस कदम की मांग की. गौरतलब है कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का पहला भाग भारत छोड़ शेष विश्व में प्रदर्शित किया जा चुका है.

गुजरात दंगों पर फिर घेरा पीएम मोदी को
उन्होंने कहा, ‘आप लोग देख रहे हैं कि गुजरात दंगे के वक्त मुख्यमंत्री रहे पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर चर्चा हो रही है. अब इस फिल्म को औपनिवेशिक कानूनों की तरह आईटी कानून की आड़ में भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है.’ इसके बाद ओवैसी अहसान जाफरी का जिक्र करते हुए कहते हैं, ‘जब दंगे हुए क्या तब आप मुख्यमंत्री नहीं थे… बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ था… एक कांग्रेस सांसद की हत्या हुई थी.’ इस कार्यक्रम में असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर कड़े प्रहार कर सरकार पर दो नीतियां अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘महात्मा गांधी को मारने वाले गोडसे पर एक फिल्म बन रही है… क्या भारत के पीएम फिल्म पर बैन लगा देंगे? मैंने खुद देखा है… फिल्म इस बारे में बात करती है कि गांधी को गोडसे ने क्यों मारा. इसलिए जब बीबीसी पीएम मोदी के बारे में कुछ दिखाता है, तो यह समस्या है, लेकिन गांधी को मारने वाले व्यक्ति पर एक फिल्म बन रही है.’
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विपक्षी नेता भी प्रतिबंध के खिलाफ उठा रहे हैं आवाज
ओवैसी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आगे कहा, ‘नरेंद्र मोदी गांधी से बड़े नहीं हैं. क्या उनके (भाजपा के) सांसद ने उनकी तारीफ नहीं की? कैसा भारत बन रहा है. जी20 के पोस्टरों पर लोकतंत्र का समर्थन किया जा रहा है, लेकिन यूट्यूब पर प्रतिबंध लागू किए जा रहे हैं.’ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने पहले वृत्तचित्र पर कदम पर सवाल उठाया था. यहां तक कि केंद्र सरकार ने इसे महज प्रचार का टुकड़ा कह कर खारिज कर दिया था. कानून मंत्री किरण रिजिजू ने भी रविवार को इसे ‘दुर्भावनापूर्ण’ करार दिया.
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