बीते रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारत छोडो आंदोलन के तहत कुछ लोगों ने विभिन्न कानून को ख़त्म करने की मांग करते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने आपत्तिजनक सांप्रदायिक नारे भी लगाए। अब यह मामला सियासी गलियारों में चिंता का मुख्य विषय बन चुका है। इसी क्रम में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस विरोध प्रदर्शन का मुद्दा उठाते हुए बड़ा सवाल पूछा है।

ओवैसी ने ट्वीट कर जाहिर किया गुस्सा
इस विरोध प्रदर्शन पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि पिछले जुम्मे को द्वारका में हज हाउस के विरोध में एक ‘महापंचायत’ बुलाई गई। हस्ब-ए-रिवायत, इस पंचायत में भी मुसलमानों के खिलाफ पुर-तशद्दुद् नारे लगाए गए। जंतर मंतर मोदी के महल से महज 20 मिनट की दूरी पर है, ‘जब मुल्ले काटे जाएंगे।।’ जैसे घटिया नारे लगाए गए।
अपने ट्वीट में ओवैसी ने आगे कहा कि आखिर, इन गुंडों की बढ़ती हिम्मत का राज क्या है? इन्हें पता है कि मोदी सरकार इनके साथ खड़ी है। 24 जुलाई को भारत सरकार ने रासुका (NSA) के तहत दिल्ली पुलिस को किसी भी इंसान को हिरासत में लेने का अधिकार दिया था। फिर भी दिल्ली पुलिस चुप चाप तमाशा देख रही है।
ओवैसी ने ट्वीट में लिखा कि ऐसे हालात बन चुके हैं कि इंसाफ और कानूनी कार्रवाई की मांग करना भी मजाक बन चुका है। लोकसभा में इस पर चर्चा होनी चाहिए, वजीर-ए-दाखला की जवाबदेही होनी चाहिए। मैंने इस मुद्दे पर लोकसभा के रूल्स के मुताबिक स्थगन प्रस्ताव की नोटिस दी है।
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आपको बता दें कि बीते दिनों जंतर-मंतर हुए इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के वकील और पूर्व बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने की थी। इस मामले को लेकर सोमवार को दिल्ली पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया है। हालांकि अश्विनी उपाध्याय ने नारेबाजी में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मैंने वायरल हुए वीडियो की जांच के लिए दिल्ली पुलिस को शिकायत दी है। अगर वीडियो प्रामाणिक है, तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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