हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं’ वाले RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक उर्दू शेर पढ़ते हुए तंज कसा है। ‘सितमगर तुझसे उम्मीद-ए-वफ़ा होगी जिन्हें होगी, हमें तो देखना ये है कि तू ज़ालिम कहां तक है’। वहीं, ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है कि, जेपी नड्डा, मोहन भागवत की जगह पीएम मोदी को स्पष्ट बयान देना चाहिए। अगर वह इसके साथ खड़े होते है, तो इन सभी ‘हिंदुत्व’ वाले लोगों को रोकना होगा।”

आपको बता दें कि, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान जिसमें उन्होंने हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश पर सवाल उठाया था, आग लगाने वाला है और इसे नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि यह संघ की एक पुरानी रणनीति है कि ‘जब चीजें चर्चा में न हों तो उन्हें नहीं अपनाते लेकिन बाद में वो उनके एजेंडा में शामिल हो जाता है।
ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘विश्व हिंदू परिषद के बनने से पहले अयोध्या संघ के एजेंडे में भी नहीं था। यह 1989 में भाजपा के पालमपुर प्रस्ताव में शामिल किया गया। आरएसएस ने राजनीतिक दोहरेपन को दिखाया है। काशी, मथुरा, कुतुब आदि से जुड़े मामले उठाने वालों का संबंध सीधे संघ से है।
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