मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर ओवैसी ने अखिलेश पर लगाया गंभीर आरोप, योगी-मोदी को दे डाली बड़ी चुनौती

उत्तर प्रदेश की सियासत में पैठ जमाने की जद्दोजहद में जुटे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है। ओवैसी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के कार्यकाल ले दौरान मुस्लिमों को बचाने में विफल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि आजादी के बाद से मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान सबसे ज्यादा मुसलमान विस्थापित हुए थे।

इसके अलावा उन्होंने ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी हमला किया।  उन्होंने पूछा कि क्या वह और पीएम नरेंद्र मोदी याकूब मंसूरी से पहले यह नारा दोहरा सकते हैं, जिन्होंने झांसी के एक अस्पताल में आग के दौरान कई बच्चों को बचाया था। हालांकि उन्होंने इस त्रासदी में अपनी जुड़वां बेटियों को खो दिया था।

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन असदुद्दीन ओवैसी मुजफ्फरनगर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। यहां उन्होंने लोगों से अरशद राणा के लिए वोट करने का अनुरोध किया, जो मीरापुर उपचुनाव के लिए एआईएमआईएम के उम्मीदवार हैं।

ओवैसी ने मुजफ्फरनगर दंगों का किया जिक्र

इस चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2013 में जब अखिलेश यादव सीएम थे, आजादी के बाद से मुजफ्फरनगर में सबसे ज्यादा मुसलमान विस्थापित हुए थे।

ओवैसी ने दावा किया कि 50,000 से ज़्यादा लोग बेघर हो गए, मुसलमानों को खेतों और शिविरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। बहनों के साथ बलात्कार किया गया और मासूम लोगों की हत्या की गई। जब वे शिविरों में पीड़ित थे। तब अखिलेश यादव सैफई में जश्न मना रहे थे, बॉलीवुड अभिनेताओं को आमंत्रित कर रहे थे और उनके प्रदर्शन देख रहे थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन सपा सरकार ने दंगा पीड़ितों की पीड़ा पर आंखें मूंद लीं और राहत शिविरों को हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि कभी मत भूलिए, समाजवादी पार्टी सत्ता में थी और यह मुजफ्फरनगर त्रासदी थी।

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ओवैसी ने योगी और मोदी पर भी बोला हमला

ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ पर उनके विभाजनकारी बयानों के लिए भी हमला किया। उन्होंने कहा कि मंसूरी नामक एक मुस्लिम व्यक्ति ने झांसी के अस्पताल में लगी आग में कई बच्चों को बचाया। ओवैसी ने सवाल किया कि याकूब ने उन बच्चों के धर्म या समुदाय के बारे में नहीं सोचा जिन्हें उसने बचाया था। मैं सीएम को चुनौती देता हूं – क्या आप याकूब के सामने खड़े होकर कह सकते हैं ‘बंटेंगे तो काटेंगे’? क्या पीएम याकूब के सामने यह कह सकते हैं।