यूक्रेन के हालातों के मद्देनगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हाई लेवेल मीटिंग करके कुछ केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजकर वहाँ से नागरिकों को सकुशल वापस लाने का जिम्मा सौंपा है। सरकारी सूत्रों से ये जानकारी उस समय आई है जब यूक्रेन में फँसे छात्र शिकायत कर रहे हैं कि उनके साथ वहाँ यूक्रेनी सेना बदसलूकी कर रही है और उन्हें बॉर्डर से ये कहकर वापस भेज रही है कि ‘जब तुम यूएन में हमारे साथ नहीं दे रहे हो तो यहाँ आते क्यों हो’।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू और जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह को भारतीयों की मदद के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देश भेजने का निर्णय लिया है। वहाँ जाकर ये टीम भारतीयों को रेस्क्यू करने और छात्रों की मदद करने का काम करेगी। इससे पहले पीएम मोदी ने साल 2015 में भी जनरल वीके सिंह को युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों को वापस लाने का जिम्मा सौंपा था।
बता दें कि मोदी सरकार द्वारा पहले ही ‘ऑपरेशन गंगा’ के जरिए यूक्रेन से 20 हजार भारतीयों को वहाँ से निकालने का प्रयास चल रहा है। मगर, कल सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज आईं जिनमें दावा हुआ कि यूक्रेनी सेना उन्हें वापस लौटने को बोल रही है। ऐसी स्थिति में पीएम मोदी ने बिन देरी दिखाए ये फैसला लिया है।
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यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के क्रम में आज एयर इंडिया की एक फ्लाइट नई दिल्ली आई। इस फ्लाइट में 249 नागरिक सवार थे। दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद छात्रों ने बताया कि आपदा के इस वक्त में उन्हें सरकार से काफी मदद मिली।
मालूम हो कि पीएम मोदी पहले ही एक उच्च स्तरीय बैठक में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चिच करने और उन्हें यूक्रेन से निकालने को अपनी प्राथमिकता बता चुके हैं। वहीं खबरों में ये बात सामने आई है कि सरकार ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत 2 मार्च तक 7 और चार्टर फ्लाइट की व्यवस्था कर रही है ताकि जल्द से जल्द सारे भारतीयों को वापस लाया जा सके।
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