पंजाब में अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ बगावत के सुर उठने लगे हैं। कांग्रेस विधायक कुलबीर जीरा और वरिंदरमीत पहाड़ा ने सिद्धू के अपने ही सरकार के खिलाफ रवैये पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू के मुद्दे हैं लेकिन उन्हें अपनी बात पार्टी फोरम पर बात रखनी चाहिए। ये दोनों विधायक वही हैं, जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के “तख्तापलट” के वक्त सबसे ज्यादा उग्र थे और सिद्धू के बागी ग्रुप के साथ थे।
जीरा से कांग्रेस विधायक कुलबीर जीरा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू की बात सही है कि लोग कई मुद्दों पर उनसे सवाल करते हैं। लेकिन अगर बात करनी है तो सिद्धू को मुख्यमंत्री या डिप्टी CM के साथ बैठकर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका हल आपस में बैठकर ही निकल सकता है।
वहीं गुरदासपुर से कांग्रेस विधायक वरिंदरमीत पहाड़ा ने कहा कि सिद्धू की ड्रग्स मामले की रिपोर्ट खोलने की बात ठीक है। उन्होंने कहा, “हम सब भी उस पर लगे हुए हैं। सिद्धू पार्टी प्रधान हैं और अपने ढंग से सरकार पर प्रेशर डाल रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि सिद्धू को पार्टी प्लेटफार्म पर ये बातें करनी चाहिए। ”
जनता के मुद्दों को उठाता रहूंगा- सिद्धू
सिद्धू राज्य में अपनी सरकार पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने हाल में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को अग्रिम जमानत के खिलाफ सरकार ने शीर्ष अदालत में याचिका क्यों नहीं दायर की। सिद्धू ने अपने पूर्ववर्ती सुनील जाखड़ को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने भी इस मुद्दे को नहीं उठाया। फरीदकोट में 2015 में एक धार्मिक पुस्तक की बेअदबी का विरोध कर रहे लोगों पर गोली चलाने के एक मामले में सैनी आरोपी हैं।
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हाल ही में एक सवाल के जवाब में सिद्धू ने कहा था कि पार्टी की प्रदेश इकाई और राज्य सरकार के बीच अच्छा तालमेल है लेकिन वह जनता के मुद्दों को उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब भी राज्य सरकार ने अच्छा काम किया तब उन्होंने उसकी सराहना की। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू के साथ सत्ता संघर्ष के बीच सितंबर में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री चुना गया था।