अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने अपने पश्चिम बंगाल दौरे पर एक ऎसी गलती कर दी है, जिसने विपक्षी दलों को उनपर हमला करने का मौका दे दिया है। अमित शाह की गलती को हथियार बनाकर हमला करते हुए सूबे कि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने उन्हें बाहरी करार दिया है।

अमित शाह की गलती से बंगाल में गर्म हुआ माहौल
दरअसल, बीते गुरूवार को जब अमित शाह पश्चिम बंगाल पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले बांकुरा में स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की प्रतिमा के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने बिसरा मुंडा की प्रतिमा के दर्शन किये और उनकी मूर्ति पर फूल भी चढ़ाएं। हालांकि, अमित शाह की गलती ने नए विवाद को जन्म दिया है।
शाह पहले जिस मूर्ति पर फूल चढ़ाने जा रहे थे, वह बिरसा मुंडा की जगह एक दूसरे आदिवासी नेता की थी। बाद में कार्यक्रम स्थल पर मौजूद नेताओं ने शाह को रोका और बिरसा मुंडा की तस्वीर मंगवाकर उसे मूर्ति के पैरों के नीचे रखकर उस पर माला चढ़ाई गई।
अमित शाह ने इस कार्यक्रम की तस्वीरें ट्वीट कर लिखा कि आज पश्चिम बंगाल के बांकुरा में प्रसिद्ध आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा जी को पुष्पांजलि अर्पित की। बिरसा मुंडा जी का जीवन हमारे आदिवासी बहनों और भाइयों के अधिकारों और उत्थान के लिए समर्पित था। उनका साहस, संघर्ष और बलिदान हम सभी को प्रेरणा देते रहेंगे।
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अमित शाह की गलती को हथियार बनाकर पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अमित शाह पर जमकर तंग कसा। पार्टी ने शाह को बाहरी करार देते हुए आज सुबह ट्वीट किया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल की संस्कृति से इतने अनभिज्ञ हैं कि उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को एक गलत मूर्ति की माला पहनाकर अपमानित किया और उनकी तस्वीर को किसी और के पैर में रख दिया। क्या वह कभी बंगाल का सम्मान करेंगे?
दूसरी तरफ इस गड़बड़ी पर आदिवासी संगठन- भारत जकात माझी परगना महल ने भी गुस्सा जाहिर किया है। संगठन के नेताओं ने कहा कि इस घटना से आदिवासी समाज खुद को ठगा महसूस कर रहा है। हम इस घटना से व्यथित हैं। आदिवासियों ने इसे बिरसा मुंडा का अपमान बताते हुए मूर्ति के आसपास गंगाजल छिड़ककर इसकी शुद्धि की।
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