उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आयोजित राजभवन में लखनऊ स्थित कोविड अस्पताल घोषित निजी मेडिकल कालेजों की एक बैठक हुई, जिसमें मेडिकल कालेजों की समस्याओं पर चर्चा की गयी।
आनंदीबेन पटेल ने की मेडिकल कॉलेज की सराहना-
राज्यपाल ने कोविड मरीजों की देखभाल में सराहनीय कार्य करने के लिए मेडिकल कालेजों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब किसी को इस बीमारी के विषय में ज्यादा कुछ पता नहीं था कि इससे किस तरह से निपटना है तो ऐसी विषम परिस्थिति में सरकार के सहयोग से यहां के चिकित्सकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कोविड मरीजों की उचित देखभाल एवं सेवा की है तथा यह उसी का परिणाम है कि यहां मरीजों की मृत्यु दर काफी कम रही। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना जैसी गम्भीर बीमारी खत्म नहीं हुई है, आप सभी को आगे भी इससे निपटने के लिये तैयार रहना होगा, क्योंकि कहीं-कहीं कोरोना मरीजों की संख्या पुनः बढ़ रही है।
आनंदीबेन पटेल ने मेडिकल कालेजों में रिसर्च वर्क पर बल देते हुए कहा कि मेडिकल छात्रों को गम्भीर विषयों पर शोध करना चाहिए ताकि उनके शोध का लाभ पूरी मानवता को मिले। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी गम्भीर अनुसंधान कार्य पर विशेष बल दिया गया है। शुल्क वृद्धि के संबंध में राज्यपाल ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई काफी खर्चीली है। यहां गरीब एवं मध्यम वर्ग के बच्चे भी मेडिकल की पढ़ाई करने आते हैं, ऐसे में इनकी आर्थिक स्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि ये बच्चे शुल्क वृद्धि को कैसे दे पायेंगे। मेडिकल कालेजों को सरकार के साथ बैठकर एक बीच का रास्ता निकालना चाहिए जिससे कालेजों की भी समस्या दूर हो और अभिभावकों पर ज्यादा भार न पड़े। आपस में मिल-बैठकर चर्चा करने से हर समस्या का समाधान निकल सकता है।
राज्यपाल ने एरा मेडिकल कालेज द्वारा विकसित कम्प्यूटर एडेड रिवीजन एण्ड इवैल्यूएशन ऐप को निःशुल्क उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर कहा कि इसे अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय को उपलब्ध करायें जो अन्य मेडिकल कालेजों को उपलब्ध करायेगा। इस ऐप के माध्यम से छात्र दिन-प्रतिदिन पढ़ाई जाने वाली विषय वस्तु को आसानी से रिवीजन कर सकते हैं। उन्होंने इंटीग्रल मेडिकल कालेज के देयों का भुगतान यथाशीघ्र करने के निर्देश दिए
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राज्यपाल ने यह भी कहा कि मेडिकल कालेजों के लिए सरकार द्वारा जो व्हात्सप्प बनाया गया है, उसमें अपनी समस्याओं को दर्ज करायें, जिससे उनका निराकरण यथाशीघ्र हो सके। राज्यपाल ने प्रसाद इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ को शीघ्र फैकल्टी पूरा कर शिक्षण कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुःख की बात है कि निजी मेडिकल कालेज मान्यता मिल जाने के बाद बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान कम तथा बचत पर ध्यान ज्यादा होता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।