अब बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का विवादित बयान आया है। उनका कहना है कि राम भगवान नहीं हैं, वे तो सिर्फ तुलसीदास व वाल्मीकि रामायण के पात्र हैं। मांझी ने अपने भाषण कई अन्य ऐसी बातें कहीं, जिनसे विवाद खड़ा हो सकता है।
मांझी ने यह बात गुरुवार को जमुई में अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कही। इस कार्यक्रम में उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए। मांझी ने कहा कि रामायण में अच्छी बातें लिखी हैं, इसलिए हम उसे मानते हैं, पर राम को नहीं जानते।
उच्च जाति के लोग बाहरी, आज शबरी के जूठे बेर खाकर दिखाएं
बिहार के पूर्व सीएम ने कहा कि पूजा-पाठ करने से कोई बड़ा नहीं होता। अनुसूचित जाति के लोगों को पूजा-पाठ करना बंद कर देना चाहिए। जो ब्राह्मण मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं, उनसे दूर रहना चाहिए। उनसे पूजा-पाठ नहीं कराना चाहिए। हिंदुस्तान अवाम मोर्चे (हम) के प्रमुख ने यह भी कहा कि आज राम की तरह कोई शबरी के जूठे बेर खाकर दिखाए। हमारे घर खाना खाए। मांझी ने कहा कि सवर्ण और उच्च जाति के लोग भारत के मूल निवासी नहीं हैं, वे बाहरी हैं।
पहले भी दे चुके हैं ऐसे बयान
यह पहला मौका नहीं है जब मांझी ने राम, सवर्ण, हिंदू धर्म, ब्राह्मण आदि को लेकर ऐसी बातें कही हैं। पहले भी वे कई बार ऐसी बातें कर चुके हैं। गत वर्ष दिसंबर में भी ऐसी बातें कही थीं, जिनके बाद बवाल खड़ा हो गया था। इसके बाद उन्होंने एक और कदम उठाते हुए पटना में ब्राह्मण भोजन रखा था, लेकिन इसकी शर्त यह रखी थी कि जिन ब्राह्मणों ने जीवन में कभी पाप नहीं किया वे ही इसमें शामिल होंगे। इसके बाद एनडीए व भाजपा ने उन्हें समझाइश दी थी। मांझी 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे।