पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग की सर्वदलीय बैठक से पहले बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए आ रहे बाहरी नेताओं पर रोक लगाने की मांग की है। कोविड-19 महामारी को आधार बनाकर उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के आने की वजह से महामारी फैल सकती है। इसलिए उनके प्रचार प्रसार पर रोक लगनी चाहिए।

ममता ने एनआरसी को लेकर दिया बयान
छठे चरण के चुनाव के लिए नदिया जिले के काकद्वीप में जनसभा करने पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर दोहराया कि वह बंगाल में एनआरसी को कभी भी लागू नहीं होने देंगी। बनर्जी ने पीएम नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि बंगाल में फिर से कोविड बढ़ गया है। वह चुनाव आयोग से यह अनुरोध करती हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान बाहर से आये लोगों पर रोक लगाए। जो यहां आएं, उनका कोविड टेस्ट किया जाए।
ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी प्रचार के लिए आ सकते हैं, लेकिन जो लोग टेंट लगाने आते हैं, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आते हैं। उनका कोविड टेस्ट हो। पान मसाला खाकर दंगा करने वालों पर रोक लगाएं। नंदीग्राम में लगी चोट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह चुनाव प्रचार नहीं कर सकें, इसलिए जानबूझकर उनका पैर तोड़ दिया गया।
ममता बनर्जी ने कहा कि उनका पांव 70 फीसदी ठीक हो गया है। पैर की चोट के बावजूद मां-बहनों की अनुप्रेरणा के कारण वह काम कर पा रही हैं। मां-बहनें सब समय अपने परिवार के लिए काम करती रही हैं, लेकिन मां अपने लिए कुछ नहीं करती है, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी के नाम पर महिलाओं से सब छीन लिया है। उन्होंने कहा कि टीएमसी को वोट दिजिए, ताकि बंगाल बचा रहे। यह बंगाल की भाषा, मतुआ की रक्षा करने का चुनाव है। यह चुनाव बंगाल की रक्षा करने का चुनाव है। यह चुनाव बंगाल की इज्जत की लड़ाई है। यह हमारे सम्मान की लड़ाई है।
केंद्रीय गृह मंत्री पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा अमित शाह एनआरसी लागू कर लोगों को डिटेंशन कैंप में भेज देगा। हम यहां एनआरसी करने नहीं देंगे। बंगाली बंगाल में ही रहेगा। हम दिल्ली की बात पर नहीं चलने देंगे। खेला होबे, देखा होबे.. जीता होबे। बीजेपी गुंडाबाज और दंगाबाज को बंगाल से दूर कर देंगे।
यह भी पढ़ें: बंगाल चुनाव के बीच में तृणमूल उम्मीदवारों पर चला ईडी का चाबुक, लिया बड़ा निर्णय
ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए काम किया है। नवद्वीप शांति की जगह है। कन्याश्री दिया गया है। युवाश्री दिया गया है। स्वास्थ्य साथी कार्ड दिया गया है। इस कार्ड के तहत पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा निःशुल्क होगी। सभी विधवाओं को 1000 रुपये प्रति माह पेंशन दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने जमीन का कर समाप्त कर दिया है। गैर संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की गयी हैं।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine