कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ( Mallikarjun Kharge ) मोदी सरकार ( Modi government ) पर पहला हमला बोल दिया है। केंद्र के खिलाफ अपने पहले हमले में उन्होंने डॉलर ( Dollar ) के खिलाफ पैसों ( Rupee ) के गिरते मूल्य को देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक ( falling rupee dangerous for country economy ) करार दिया है। उन्होंने भारतीय रुपए ( Indian rupee ) में लगातार गिरावट पर ध्यान देंने के बदले मोदी सरकार पर हमेशा चुनावी मोड में रहने और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान न देने का आरोप भी लगाया है।
सिर्फ बयानों से काम नहीं चलेगा
मल्लिकार्जुन खड़गे ( Mallikarjun Kharge ) ने कहा कि केवल बयानों से काम नहीं चलेगा, पार्टी ने यह भी सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री मोदी इस संकट से पार पाने के लिए उपचारात्मक उपाय करने के लिए विशेषज्ञों के साथ तत्काल बैठक बुलाएं। खड़गे ने हिंदी में एक ट्वीट साझा कर कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के उस बयान को भी निशाने पर लिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है, डॉलर मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को सिर्फ बयानबाजी से बचने की जरूरत है। साथ ही केंद्र सरकार को जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए।
पेशेवर समूहों की बैठक बुलाए सरकार : चिदंबरम
वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार रुपए के मूल्य में लगातार गिरावट के खिलाफ असहाय दिख रही है। रुपए में गिरावट का असर मुद्रास्फीति, चालू खाते के घाटे और ब्याज दरों पर पड़ेगा। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि इस समय, सरकार को देश में उपलब्ध सभी ज्ञान और अनुभव की जरूरत है। मैंने प्रतिष्ठित पेशेवरों के एक समूह का सुझाव दिया है, जिनके दिल में देश का हित है। पीएम मोदी मोदी को मेरी सलाह है कि उन्हें सरकार द्वारा उठाए जाने वाले अगले कदमों पर विचार करने के लिए तुरंत डॉ. सी रंगराजन, डॉ वाईवी रेड्डी, डॉ राकेश मोहन, डॉ रघुराम राजन और मोंटेक सिंह अहलूवालिया की बंद कमरे में बैठक बुलानी चाहिए। बैठक में एफएम और गवर्नर, आरबीआई मौजूद होना चाहिए।
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मोदी सरकार माइक्रो प्रबंधन से अनजान : अविजीत
कांग्रेस नेता अंशुल अविजीत ने आशंका जताई कि आर्थिक मोर्चे पर सबसे खराब स्थिति अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मैक्रोइकॉनॉमिक प्रबंधन से अनजान है। इस दिशा में गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। अविजीत ने हमें डर है कि सबसे बुरा अभी आना बाकी है। उन्होंने पीएम मोदी के 20 अगस्त, 2013 के कथनों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली में नेतृत्व को न तो देश की सुरक्षा और न ही रुपए के मूल्य में गिरावट की परवा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अपने गैर-जिम्मेदार और गुमराह करने वाले बयानों से वह इस सरकार की गिरते रुपये को नियंत्रित करने में विफलता की वास्तविकता को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। रुपया फिसल नहीं रहा है और डॉलर मजबूत हो रहा है को वित्त मंत्री की अपमानजनक टिप्पणी बताया है। सीतारमन यह न भूलें कि मेक्सिको और ब्राजील जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने वास्तव में इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान अपनी मुद्राओं को अमरीकी डालर के मुकाबले मजबूत किया है। इ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इस कैलेंडर वर्ष में रुपया अब तक 10 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है। 83.12 रुपए के निचले स्तर पर पहुंच गया है। यूपीए सरकार यानि नरेंद्र मोदी के प्रधान मंत्री बनने की पूर्व संध्या तक रुपया 58.4 रुपये प्रति डॉलर था।