बिजनौर। यदि मां भगवती इस चराचर जगत की सृष्टि ना करती, तो समग्र जीव, जगत, माया शक्ति के बिना सर्वदा के लिए जड़ ही रह जाता। यह विचार चित्रकूट धाम के कथा व्यास आचार्य ज्ञानेश त्रिपाठी ने व्यक्त किए। वह सरोजनीनगर के हीरालाल नगर में आयोजित नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा महोत्सव के छठवें दिन शनिवार को शतचंडी पाठ के दौरान भगवती की महिमा का बखान कर रहे थे।
उन्होंने प्रमुख रूप से महिषासुर के जन्म तथा देवी भगवती के द्वारा उसका संहार किए जाने का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि देवताओं ने अपने अपने आयुध और शस्त्रों के द्वारा मां भगवती से दैत्य को मारने के लिए प्रार्थना की। देवों ने कहा हे माँ हमारा और जगत का कल्याण करें। व्यास जी ने राजा जन्मेजय की कथा श्रवण कराके जगदंबा शक्ति के प्रति लोगों के हृदय में भाव बना दिया। कथा व्यास आचार्य ज्ञानेश त्रिपाठी ने कहा कि जो व्यक्ति देवी भागवत का केवल आधा श्लोक ही श्रवण करता है, उस पर भी मां अपनी कृपा कर देती हैं। अनेक नामों से शक्ति जब इस धरा पर पाप रूपी संकट का हरण करती है, तो देवता जय जयकार करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि शक्ति ही तीनों त्रिदेव को प्रकट करती है और उनके साथ संसार में उनकी सहभागिनी बनकर दुरात्माओं का संहार करती है। कथा के दौरान आयोजक व यजमान दयाराम यादव और उनके परिवार द्वारा सुबह शतचंडी महायज्ञ में पूजन तथा यज्ञाचार्य रत्नेश त्रिपाठी व वैदिक आचार्यों के द्वारा मंत्र उच्चारण से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। इस मौके पर आदर्श व्यापार मंडल सरोजनीनगर के अध्यक्ष शैलेंद्र यादव बब्बू, सौरभ, विनोद यादव, गोलू और मनोज यादव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।