दिल्ली के दो करोड़ लोगों को महंगे पेट्रोल- डीजल और गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ने के बाद अब महंगी बिजली ने जोरदार झटका दिया है। दिल्ली में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई है और यह वृद्धि 10 जून से प्रभावी हो गई है। इसका मतलब यह है कि जुलाई महीने का बिल सभी बिजली उपभोक्ताओं का पहले के मुकाबले बढ़कर आएगा।

पीपीएसी में 4 फीसदी का इजाफा
पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट (PPAC) में जून माह के मध्य में 4 फीसदी का इजाफा किया गया है। बिजली अधिकारियों का कहना है कि बिजली वितरण कंपनियों ने दिल्ली बिजली नियामक आयोग (DERC) से मंजूरी मिलने के बाद कोयले और अन्य ईंधनों के दामों में बढ़ोतरी के कारण हो रहे घाटे को कम करने के लिए ये फैसला लिया है। इसके बाद दिल्ली के आम बिजली उपभोक्ता के बिल में 2 से 6 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि पीपीएसी बाजार के ईंधन के भाव में आए अंतर के लिए के लिए डिस्कॉम को क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाता है। वहीं, ग्राहक के बिल में ये फिक्स चार्ज के रूप में लगाया जाता है।
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बिजली की दरों में इजाफे को लेकर दिल्ली विपक्ष के नेता और भाजपा एमएलए रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार से बिजली के दामों में की गई बढ़ोतरी को वापस लेने को कहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार पीपीएसी के नाम पर पिछले दरवाजे से बिजली की दरें बढ़ा रही है। केजरीवाल सरकार ने एक तरफ बिजली की सब्सिडी की योजना पर शर्तें लगाई हैं, तो दूसरी तरफ पावर परचेस एडजस्टमेंट कॉस्ट के नाम पर बिजली के दाम बढ़ा दिए हैं।
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