रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा और केदारघाटी की लाइफलाइन केदारनाथ हाइवे पर इन दिनों सफर करना जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा हो गया है। अब हाइवे की पहाड़ियां बिना बारिश के ही टूट रही हैं और हजारों टन मलबा हाइवे पर गिर रहा है। ऑल वेदर सड़क निर्माण के बाद केदारनाथ हाइवे की पहाड़ियां कमजोर हो गई हैं। यह पहाड़ियां कभी भी दरक जा रही हैं। रुद्रप्रयाग तहसील के निकट नेल में तो स्थिति बेहद ही दयनीय है। यहां पर पिछले तीन दिनों से लगातार भूस्खलन हो रहा है। चट्टान से मलबा और बड़े-बडे़ बोल्डर एक साथ हाइवे पर गिर रहे हैं, जिस कारण घंटों तक यातायात ठप पड़ जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर बद्रीनाथ हाइवे सिरोबगड़ और नरकोटा में लगातार सक्रिय होता जा रहा है। बद्रीनाथ हाइवे पर नरकोटा में लगातार पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं, जिस कारण यहां पर दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। ऊपर से बोल्डर गिर रहे हैं और नीचे अलकनंदा नदी बह रही है। ऐसे में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। नरकोटा में पहाड़ी से आये बोल्डरों के ऊपर रास्ता बनाया गया है। इस रास्ते को पार करने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। डीडीआरएफ टीम प्रभारी भगवान सिंह रौथाण ने बताया कि भूस्खलन होने की सूचना पर जनता की सहायता के लिये शीघ्र ही डीडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच रही है। अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। जनता को कोई परेशानी न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है।