उत्तर प्रदेश में हिंसा के बाद Social Media पर उससे जुड़ी कई वीडियो और फोटोज वायरल हो रहे हैं। जिन सब के बीच सबसे ज्यादा थाने में पुलिस द्वारा पीटे जाने का वीडियो, सुर्खियो में है। इस वीडियो में थाने के भीतर पुलिसकर्मी कुछ लोगों को लाठी से पीटते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि पिट रहे लोग उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार उपद्रवी हैं। सोशल मीडिया इस वीडियो को लेकर दो धरों में बंट गया है। कई लोगों ने इसकी आलोचना की है तो वहीं कई लोगों ने इसको सही ठहराया है। अब इसी वीडियो को लेकर देश के दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आपस में भिड़ गए हैं और Social Media पर अपनी-अपनी राय रखी है।

‘वीडियो देख अत्यंत ही मनोहारी दृश्य है, हेकड़ी ऐसे ही निकलती है…’
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो वरिष्ठ अधिकारियों में इस वीडियो को लेकर ट्विटर पर जुबानी जंग शुरू हो गई है। थाने में लोगों को पीटे जाने का वीडियो TWITTER पर शेयर करते हुए केरल के पुलिस महानिदेशक रह चुके डॉ. एनसी अस्थाना ने कहा, ” ये अत्यंत ही मनोहारी दृश्य! सुन्दर, अतीव सुन्दर! हेकड़ी ऐसे ही निकलती है!”
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दूसरे आईपीएस ने जवाब दिया- ‘हिरासत हिंसा खुशी की बात नहीं…’
आईपीएस डॉ. एनसी अस्थाना का जवाब देते हुए ओडिशा कैडर के आईपीएस अफसर अरुण बोथरा ने ट्विटर पर लिखा, ”सर, बहुत ही सम्मान के मैं आपसे कहना चाहता हूं कि हिरासत में हिंसा खुशी की बात नहीं होती है। पुलिस थाने में हिरासत में लेकर किसी भी शख्स की पिटाई कराना बहादुरी का काम बिल्कुल नहीं है। यह एक अपराध है। प्लीज गैर कानूनी प्रैक्टिस का महिमामंडन ना कीजिए। अदालतों के पास दोषियों को दंडित करने का अधिकार है और उनका कर्तव्य भी है। पुलिस का काम ये नहीं है।”
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