सिविल जज को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

चकरोड से अतिक्रमण हटा दिए जाने के तहसीलदार की रिपोर्ट पर जब याची ने हाईकोर्ट में आपत्ति की और कहा कि अभी भी चकरोड पर कब्जा है, तो कोर्ट ने सिविल जज को सत्यता की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेजा तहसील के समोगरा टप्पा चौरासी गांव में गाटा संख्या 281 में बने चक रोड के अतिक्रमण हटाने को लेकर परस्पर विरोधी दावे को देखते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रयागराज को मौका मुआयना कर 21 जनवरी को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। सिविल जज को रिपोर्ट में स्पष्ट करना है कि चक रोड अतिक्रमण मुक्त है या नहीं।

कोर्ट ने मेजा के एसडीओ, क्षेत्राधिकारी व एसएचओ को निरीक्षण में सिविल जज को सहायता देने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा कि यदि कोई अधिकारी उपलब्ध न हो तो उसी रैंक का अन्य अधिकारी नामित किया जाय।

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यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने नन्हे लाल सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है। तहसीलदार मेजा को कोर्ट ने चकरोड से विपक्षियों का अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। जिसका पालन नहीं किया गया तो यह याचिका दायर की गई। सरकारी वकील ने कहा कि अतिक्रमण हटा दिया गया है। याची ने इसका प्रतिवाद किया और कहा कि अभी भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। इस पर कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिवीजन का कमीशन भेजा है। जो मौके पर जाकर 21 जनवरी को रिपोर्ट पेश करेंगे।