पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पार्टियों के अंदर चल रहे परिवारवाद पर बड़ा हमला किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए खास इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, एक बार किसी ने मुझे चिट्ठी भेजी थी कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के परिवार से 45 लोग ऐसे थे जो किसी न किसी पद पर थे. किसी ने मुझे कहा कि उनके पूरे परिवार में 25 साल से अधिक आयु के हर व्यक्ति को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है.
पीएम मोदी ने कहा मैं समाज के लिए हूं लेकिन जो नकली समाजवाद की चर्चा करते हैं वह पूरी तरह परिवारवाद है. पीएम मोदी ने कहा लोहिया जी का परिवार कहीं नजर आता है क्या? जॉर्ज फर्नांडिस का परिवार कहीं नजर आता है क्या? नीतीश बाबू का परिवार कहीं नजर आता है क्या? कुछ नेता निजी स्वार्थ के लिए विविधता को एक दूसरे से साथ विरोध के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले 50 साल उन्होंने यही किया है, हर बात पर देश को बांटों और राज करो.
परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है. जब परिवार ही सर्वोपरि होता है, परिवार को बचाओ पार्टी बचे न बचे, देश बचे न बचे. ये जब होता है तो सबसे बड़ा नुकसान प्रतिभा को होता है. सार्वजनिक जीवन में जितनी अधिक प्रतिभा आए वो जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस की कार्यशैली और विचारधारा के आधार सम्प्रदायवाद, जातिवाद, भाषावाद, प्रांतवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हैं. अगर यही इस देश की मुख्य धारा में रहेगा तो देश का कितना बड़ा नुकसान होगा.
सभी राज्यों में भाजपा की लहर दिखाई पड़ रही है
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा, मैं इस चुनाव में सभी राज्यों में देख रहा हूं कि भाजपा के प्रति लहर है, भारी बहुमत से भाजपा जीतेगी. हमें सेवा का मौका इन सभी 5 राज्यों की जनता देगी. जिन राज्यों ने हमें सेवा का मौका मिला है उन्होंने हमें परखा है, हमारे काम को देखा है. मैं इस चुनाव में सभी राज्यों में देख रहा हूं कि भाजपा के प्रति लहर है, भारी बहुमत से भाजपा जीतेगी. हमें सेवा का मौका इन सभी 5 राज्यों की जनता देगी. जिन राज्यों ने हमें सेवा का मौका मिला है उन्होंने हमें परखा है, हमारे काम को देखा है.
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बीजेपी हार-हार कर ही जीतने लगी है
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हार-हार कर ही जीतने लगी है. हमने बहुत पराजय देखे हैं, ज़मानत ज़ब्त होती देखी हैं. एक बार जनसंघ के समय चुनाव हारने पर भी मिठाई बांटी जा रही थी, तो हमने पूछा की हारने पर मिठाई क्यों बांट रहे हैं? तब बताया गया कि हमारे तीन लोगों की ज़मानत बच गई. देश में एक कल्चर चला है, राजनेता बोलते रहते हैं कि हम ये करेंगे, वो करेंगे. 50 साल बाद भी कोई अगर वो काम कर देगा तो कहेंगे कि हमने ये उस समय कहा था, ऐसे लोग बहुत मिल जाएंगे.