लालू यादव (Lalu Yada) के समर्थकों के लिए एक खुशखबरी खबर है. राजद सुप्रीमो (RJD Chief) लालू यादव को 13 साल पुराने एक केस में महज 6 हजार रुपये का जुर्माना भरकर कोर्ट ने रिहा करने का फैसला सुनाया है. दरअसल 13 साल पुराने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में लालू प्रसाद यादव झारखंड के पलामू की एक विशेष अदालत में पेश हुए थे. कोर्ट ने लालू के खिलाफ केस खत्म करते हुए उन्हें महज 6 हजार रुपये का जुर्माना पर निजी मुचलके पर बरी कर दिया है.

6 हजार देकर रिहा हुए लालू
लालू के वकील धीरेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है और मामले का निपटारा कर दिया गया है. वकील ने बताया कि सुनवाई के बाद अदालत ने उन पर 6,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. मामले का निपटारा कर दिया गया है और वह अब आरोपों से मुक्त हैं. उन्हें दोबारा आने की जरूरत नहीं है.
क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल ये मामला 2009 के झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान का है. लालू की पार्टी ने भी झारखंड चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे थे. अपने पार्टी उम्मीदवार गिरिनाथ सिंह के प्रचार में लालू यादव ने गढ़वा में एक जनसभा को संबोधित किया था. चुनावी रैली के दौरान लालू के हेलीकॉप्टर को उतरने की इजाजत नहीं मिली, लेकिन इसके बाद भी लालू ने अपना हेलीकॉप्टर सीधे सभा स्थल पर उतरवा दिया था. जिससे वहां भगदड़ मच गई थी. जिस पर लालू के खिलाफ गढ़वा में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था.
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लालू ने जताया था खेद
लालू ने पहले तो अदालत में कहा कि उनका पायलट रास्ता भूल गया था, जिस कारण से उसने हेलीकॉप्टर को रैली स्थल में ही उतार दिया. हालांकि अदालत ने उनकी इस दलील को स्वीकार नहीं किया. जिसके बाद लालू ने कोर्ट में इस मामले को लेकर खेद जताया. लालू द्वारा गलती मानने पर अदालत ने उन्हें सिर्फ 6 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया. अदालत से बड़ी राहत मिलने के बाद लालू यादव अपने हेलीकॉप्टर से पटना के लिए रवाना हो गए.
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