देहरादून के दून स्कूल के परिसर में स्थित एक ‘मजार’ को दक्षिणपंथी हिंदू समूहों के विरोध के बाद ध्वस्त कर दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और लेखक अमिताव घोष जैसे उल्लेखनीय पूर्व छात्रों के लिए प्रसिद्ध इस प्रतिष्ठित स्कूल ने अपने परिसर में मजार बना रखी थी। बताया जा रहा है कि हिंदू समूहों के कुछ लोग स्कूल की चहारदिवासी फांदकर स्कूल के अन्दर घुसे और इस मज़ार को ध्वस्त कर दिया।
मज़ार ध्वस्त करने वाले समूह ने दावा किया है कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों से मजार को ध्वस्त करने की अनुमति ली थी, उन्होंने बुधवार शाम को सोशल मीडिया पर इस कृत्य का सीधा प्रसारण भी किया। समूह के सदस्यों ने अपनी कार्रवाई को उचित ठहराया, लेकिन इस प्रकरण ने स्कूल में सुरक्षा उल्लंघन को ध्यान में ला दिया है, जहां कई प्रमुख हस्तियों के बच्चे पढ़ते हैं।
डीएम सविन बंसल ने दी यह जानकारी
डीएम सविन बंसल ने कहा कि जब हमें घटना के बारे में सूचित किया गया तो हमारी टीम ने साइट का दौरा किया। स्थानीय लोगों से बात करने के बाद, यह स्पष्ट था कि मज़ार स्कूल के परिसर में थी। हालांकि, प्रशासन की इसके ध्वस्त होने में कोई भूमिका नहीं थी। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि घटना से कानून और व्यवस्था प्रभावित न हो।
एक हिंदू समूह के नेता स्वामी दर्शन भारती ने इस कृत्य का स्वागत किया तथा ऐसे प्रमुख संस्थान के परिसर में मज़ार के अस्तित्व पर सवाल उठाया।
यह भी पढ़ें: नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना की कूटनीतिक यात्रा पर निकले मोदी, जी-20 शिखर सम्मलेन में लेंगे हिस्सा
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने उस जमीन पर स्वामित्व का दावा किया है, जहां कभी दरगाह हुआ करती थी, हालांकि इसकी वर्तमान कानूनी स्थिति अनिश्चित है। बोर्ड के पास स्कूल से सटी जमीन का एक बड़ा हिस्सा अभी भी है।