प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) कैडेटों से युवाओं को नशा मुक्त रखने में सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एनसीसी और एनएसएस कैडेट्स स्वयं भी नशे से मुक्त रहें और अपने परिसर को भी नशा से मुक्त रखें। प्रधानमंत्री ने कैडेटों से कहा कि वे नशे की लत का शिकार हुये साथियों को उससे मुक्ति दिलाने में मदद करें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार दोपहर दिल्ली स्थित करियप्पा ग्राउंड में एनसीसी पीएम रैली को संबोधित करते हुये युवाओं को ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि अगर देश का युवा ठान ले तो सब संभव है। देश का युवा अगर भारतीय श्रम से बनी चीजें इस्तेमाल करेगा तो भारत का भाग्य बदल सकता है।
युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना का संचार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज खेल के मैदान में भारत की सफलता ‘राष्ट्र प्रथम’ की सोच का एक बड़ा उदाहरण है। ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से आगे बढ़ने वाले युवा देश को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती।
डिजिटल तकनीक और नवाचार से जुड़ी संभावनाओं के फायदे नुकसान गिनाते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह जरूरी है कि देश के आम जन किसी अफवाह का शिकार न हों। इसके लिये एनसीसी कैडेटों को जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि ‘आभासी जीवन’ और ‘वास्तविक जीवन’ में बिगड़ते सामंजस्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। एनसीसी इस दिशा में काम कर सकती है।
‘वंस ए कैडेट ऑलवेज कैडेट’ को दोहराते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा अनुभव देश और नई पीढ़ी के काम आना चाहिये। एनसीसी को बेहतर बनाकर समाज में उचित योगदान दिया जा सकता है। इस क्रम में सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि एनसीसी की मजबूती के लिये लगातार प्रयास जारी है और एक उच्च स्तरीय समीक्षा समिति की स्थापना की गई है। पिछले दो सालों में सीमावर्ती क्षेत्रों में एक लाख नये कैडेटों को जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कैडेटों को आजादी के अमृत-काल में आज से लेकर अगले 25 वर्षों तक अपनी प्रवृत्तियों और अपने कार्यों को देश के विकास के साथ देश की अपेक्षाओं को साथ जोड़ना चाहिए।
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कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पहले गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। एनसीसी टुकड़ियों के मार्च पास्ट की समीक्षा की। इस दौरान एनसीसी कैडेटों ने सैन्य कार्यक्रमों के अंतर्गत विविध करतब दिखाये। स्लिदरिंग, माइक्रोलाइट विमानों में उड़ान, पैरासेलिंग के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कैडेटों के उत्कृष्ट कौशल और रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रधानमंत्री ने तारीफ की। कार्यक्रम के दौरान 2021-22 के लिये चुने गये सर्वश्रेष्ठ कैडेटों को प्रधानमंत्री ने मेडल और बैटन देकर पुरस्कृत किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के एनसीसी और एनएसएस से जुड़े युवक-युवतियां 21वीं शताब्दी में पैदा हुयीं। उन्हें ही 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूरे होने के दौरान नेतृत्व की भूमिका मिलेगी। उनकी कोशिश होनी चाहिए कि उनके संकल्प, उन संकल्पों की सिद्धि, भारत की सिद्धि हो और भारत की सफलता बने।
प्रधानमंत्री ने एनसीसी में अधिक से अधिक बेटियों को शामिल किये जाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब महिलाएं बड़ी जिम्मेदारियां संभाल रही हैं। उन्हें सैनिक स्कूलों में एडमिशन मिल रहा है और एयरफोर्स में भी देश की बेटियां फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि एनसीसी में ज्यादा से ज्यादा बेटियां शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने सरकार की ‘सेल्फ फॉर सोसायटी’ पहल के तहत तैयार किये गये पोर्टल से भी एनसीसी कैडेट को जुड़ने की अपील की। उन्होंने बताया कि इससे 7 हजार संगठन जुड़े हैं और वह समाज की सेवा में कार्यरत हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एनसीसी में रहते हुए उन्हें मिले परीक्षण से अपने दायित्व निभाने में ताकत मिलती है। उन्हें गर्व है कि वे कभी एनसीसी के कैडट रहे हैं। एनसीसी कैडट को सलाम करते हुये उन्होंने बताया कि हाल ही में वे नये गठित एनसीसी एलुमिनायी एसोसिएशन के सदस्य बने हैं।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान प्रथम सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा और पंजाब के वीर सूपत लाला लाजपत राय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजली भी दी।
उल्लेखनीय है कि यह एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर का समापन समारोह था, जिसे हर वर्ष 28 जनवरी को आयोजित किया जाता है।