हरिद्वार। अरुणाचल प्रदेश के कृषि मंत्री तागे तकी ने आज पतंजलि योगपीठ में आचार्य बालकृष्ण से भेंट की। यहां पहुंचने पर आचार्य बालकृष्ण ने उनका पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के कृषि मंत्री तागे ने आचार्य बालकृष्ण के समक्ष अरुणाचल प्रदेश में राज्य के विकास के लिए रुचि सोया का प्लांट स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में पतंजलि को इस कार्य के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने का भी आश्वासन भी दिया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश बडे़ पैमाने पर पाम ऑयल प्लांटेशन की ओर अग्रसर है। भविष्य में सरकार इसे 3800 हेक्टेयर तक करने की योजना बना रही है। आज अरुणाचल प्रदेश में 1300 हेक्टेयर भूमि पर पाम प्लांटेशन का कार्य चल रहा है। भेंटवार्ता के दौरान पतंजलि एवं अरुणाचल सरकार के इस संयुक्त कार्य से किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया गया। साथ ही अरुणाचल प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रुचि सोया के प्लांट के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जा सके, इन विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने अरुणाचल प्रदेश विकास में पतंजलि की भूमिका पर गहन चर्चा की। आचार्य ने कृषि मंत्री को आश्वासन दिया कि पतंजलि जल्द अरुणाचल प्रदेश में रुचि सोया का प्लांट स्थापित करेगा और बडे़ पैमाने पर उत्पादों का उत्पादन करेगा। उन्होंने कहा कि रुचि सोया के प्लांट की स्थापना के बाद अरुणाचल प्रदेश विकास की राह में अग्रसर हो सकेगा।
आचार्य ने अरुणाचल प्रदेश के सभी गांवों में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला संचालित करने का संकल्प व्यक्त करते हुए प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी सौगात दी है। इस प्रयोगशाला के माध्यम से खेतों की उर्वरक क्षमता की जांच की जा सकेगी। साथ ही किसानों को खेतों में किस समय किस फसल को उगाना चाहिए। इसकी भी जानकारी इस प्रयोगशाला से प्राप्त की जा सकेगी।
अरुणाचल प्रदेश को जैविक राज्य बनाने के उद्देश्य से आचार्य बालकृष्ण ने अरुणाचल प्रदेश की कृषि भूमि को डिजिटलाइज करने पर जोर दिया। इस कार्य से किसानों की खड़ी फसल का आंकलन किया जा सकता है। साथ ही फसल पर उत्पन्न रोगों को दूर करने की जानकारी भी इसी एप के माध्यम से प्राप्त की जा सकेगी। इस बैठक के दौरान अरुणाचल प्रदेश और पतंजलि भविष्य में कैसे एक-दूसरे के सहयोगी होंगे, इन सभी विषयों पर गहनता से विचार-विमर्श किया गया।