पांच राज्यों में चुनावी हार के बाद एक बार फिर से कांग्रेस में तकरार शुरू हो गई हैं। कांग्रेस के जी-23 के नेता लगातार नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं। इन सब के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। अशोक गहलोत ने दावा किया कि बीजेपी हिंदुत्व और ध्रुवीकरण के नाम पर चतुराई से चुनाव जीत गई। पूरे देश में हालत गंभीर है और यूपी में कोरोना का प्रबंधन कैसे हुआ..ये सबको मालूम है। फिर भी, विपक्ष पिछड़ गया क्योंकि वे (भाजपा) चतुराई से बोलते हैं। इसने लोगों की सोच बदल दी। मेरा मानना है कि अंत में सत्य की जीत होती है।
गहलोत ने आगे कहा कि पीएम मोदी चतुराई से बोलते हैं। वह विपक्ष पर एजेंसियों को बदनाम करने का आरोप लगाते हैं लेकिन पूरा देश देख सकता है कि आज क्या हो रहा है, वे देख सकते हैं कि भारत में क्या हो रहा है, I-T, ED, CBI के साथ क्या हो रहा है। देश में कैसे छापेमारी हो रही है दुनिया देख सकती है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक गहलोत ने कहा कि इसको लेकर विपक्ष की बदनामी हो रही है। वह (प्रधानमंत्री) चतुराई से बोलते हैं और लोग उस पर विश्वास करते हैं क्योंकि यह प्रधानमंत्री की ओर से आ रहा है। हमें सच्चाई को आम लोगों तक ले जाना होगा, तभी बीजेपी बेनकाब होगी, सच्चाई सामने आएगी और हम गांधी के रास्ते पर चलेंगे।
हार के बाद भी नहीं कम हुए सिद्धू के तेवर, आरोप पर दिया करारा जवाब
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में तो कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा है। पंजाब में भी पार्टी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा है। पराजय और अंदरूनी कलह से पहले ही कमजोर हो चुकी कांग्रेस के लिए अब उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों से चुनौतियां बढ़ गई हैं। अब वह एक ऐसे मोड़ की तरफ बढ़ती नजर आ रही है जहां उसके सामने राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प होने की प्रासंगिकता गंवाने का खतरा पैदा हो गया है। यही नहीं, इन चुनाव परिणामों से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खाते में चुनावी नाकामी का एक और अध्याय जुड़ गया तो पहली बार सक्रिय नेता के तौर पर जनता के बीच पहुंची प्रियंका गांधी वाद्रा का जादू भी बेअसर रहा। कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती राष्ट्रीय स्तर अपनी प्रासंगिकता खोने की है।