संभाजी भिड़े महिला पत्रकार के बिंदी न लगाने पर भड़क गए। उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। संभाजी ने महिला पत्रकार को उंगली दिखाते हुए आक्रामक अंदाज में कहा, भारत माता विधवा नहीं है। संभाजी के आपत्तिजनक बर्ताव का संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र महिला आयोग ने नोटिस जारी किया है। बता दें कि संभाजी हिंदुत्व को लेकर अक्सर आक्रामक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। उन्होंने एक बार प्रधानमंत्री मोदी के UN में दिए गए भाषण पर सवाल खड़ा कर कहा था कि आज के दौर में बुद्ध के बदले शिवाजी की विचारधारा पर चलने की जरूरत है।

हिंदुत्व के पैरोकार !
दरअसल, हिंदुत्व के पैरोकार और सक्रिय कार्यकर्ता की पहचान रखने वाले संभाजी भिड़े ने एक महिला पत्रकार से केवल इसलिए बात करने से इनकार कर दिया जिसने बिंदी नहीं लगाई थी। संभाजी ने कहा, हर महिला भारत माता की तरह है और भारत माता विधवा नहीं है।
महिला पत्रकार से बात करने से इनकार
कार्यकर्ता संभाजी भिड़े का लाइव कैमरे पर बिंदी लगाने की टिप्पणी देखते ही देखते वायरल हुआ और विवाद शुरू हो गया। संभाजी ने साम टीवी न्यूज की एक महिला पत्रकार से बात करने से इनकार कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि युवती उनसे सम्मानजनक तरीके से सवाल करने का प्रयास करती है, लेकिन उसने ‘बिंदी’ नहीं लगा रखी।
राज्य महिला आयोग ने लिया संज्ञान
संभाजी भिड़े ने जब चैनल के पत्रकार को ‘बाइट’ देने से मना कर दिया तो चैनल ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस घटना की वीडियो ट्वीट कर दी। SaamTV समाचार के वीडियो और इसकी स्क्रीनशॉट शेयर की जाने लगी। मामला तूल पकड़ने पर महाराष्ट्र महिला आयोग ने संज्ञान लिया और नोटिस जारी किया।
भारत माता विधवा नहीं होती
महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव और दूसरे स्थानों पर लोकप्रिय कार्यकर्ता संभाजी भिड़े की पहचान एक दक्षिणपंथी नेता के रूप में भी है। राज्य महिला आयोग ने भिड़े को उस बयान पर नोटिस दिया है, जिसमें उन्होंने महिला पत्रकार से कहा, “हर महिला भारत माता की तरह होती है और भारत माता विधवा नहीं होती।”
CM एकनाथ शिंदे से मिले भिड़े
संभाजी भिड़े और महिला पत्रकार विवाद पर हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना तब हुई जब संभाजी भिड़े ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। जैसे ही वह बाहर निकले, साम टीवी न्यूज की महिला पत्रकार ने सवाल पूछा। पत्रकार रूपाली बी.बी. ने अपने ट्विटर हैंडल से भी इस घटना की वीडियो शेयर की। उन्होंने कहा कि बिंदी लगानी है या नहीं, यह उनकी निजी पसंद है।
बिंदी लगाऊं या नहीं, यह मेरी निजी पसंद
महिला पत्रकार ने ये भी कहा, “हम लोगों की उम्र देखकर उनका सम्मान करते हैं। लेकिन लोगों को भी सम्मान के योग्य होना चाहिए। बिंदी लगाऊं या नहीं, यह मेरी निजी पसंद है। यह लोकतंत्र है।”
राज्य महिला आयोग ने क्या कहा ?
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने भी संभाजी भिड़े के बयान की सख्त निंदा की। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता की टिप्पणी एक महिला के गौरव और सामाजिक कद को देखते हुए अपमानजनक है। सोनाली चाकणकर ने कहा, “एक महिला अपने काम की गुणवत्ता से पहचान बनाती है।”
बयान पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश
आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया और वायर वीडियो के आधार पर नोटिस जारी कर कहा, “राज्य महिला आयोग अधिनियम, 1993 की धारा 12 (2) और 12 (3) के तहत, आपको एक महिला पत्रकार से बात नहीं करने के अपने फैसले / बयान पर स्पष्टीकरण देने को कहा जाता है। क्योंकि आपने उससे इस आधार पर बात करने से इनकार कर दिया क्योंकि उसने बिंदी नहीं लगाई।
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