शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला किया गया है। यह हमला तब किया गया जब वह अपनी सजा काटते हुए नीली ‘सेवादार’ वर्दी पहनकर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर व्हीलचेयर पर बैठे थे। उनके पैर में फैक्चर है। उसी वक्त एक व्यक्ति ने उनपर गोली चला दी।
सिख धर्मगुरुओं ने सुखबीर सिंह बादल को दी है धार्मिक सजा
मिली जानकारी के अनुसार, सिख धर्मगुरुओं द्वारा सुखबीर सिंह बादल को घोषित ‘तनखाह’ (धार्मिक दंड) के तहत स्वर्ण मंदिर के बाहर सेवादार का कर्तव्य निभा रहे थे। पंजाब में 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल सरकार द्वारा की गई गलतियों के लिए उन्हें यह सजा सुनाई गई है।
इसी दौरान वहां खड़े एक व्यक्ति ने उनपर गोली चला दी। हालांकि, वहां खड़े एक सेवादार ने फुर्ती दिखाते हुए गोली चलाने वाले सख्स का हाथ ऊपर की ओर धकेल दिया, जिसकी वजह से बादल बाल-बाल बच गए।
एक पूर्व उग्रवादी है हमलावर
पुलिस के अनुसार हमलावर की पहचान नारायण सिंह चौरा के रूप में हुई है, जिसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया। हालांकि हमले का मकसद अभी तक पता नहीं चल पाया है। आरोपी कथित तौर पर एक पूर्व उग्रवादी है, जिस पर कई मामले दर्ज हैं।
एडीसीपी हरपाल सिंह ने कहा कि यहां उचित सुरक्षा व्यवस्था थी। सुखबीर सिंह बादल जी को उचित सुरक्षा दी गई थी। नारायण सिंह चौरा (हमलावर) कल भी यहां था। आज भी उसने सबसे पहले गुरु को नमन किया।
#WATCH | Punjab: Bullets fired at Golden Temple premises in Amritsar where SAD leaders, including party chief Sukhbir Singh Badal, are offering ‘seva’ under the religious punishments pronounced for them by Sri Akal Takht Sahib, on 2nd December.
Details awaited. pic.twitter.com/CFQaoiqLkx
— ANI (@ANI) December 4, 2024
पंजाब के खिलाफ रची जा रही बड़ी साजिश
इस बीच शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि बादल पर हमला पंजाब को फिर से आग में धकेलने की एक बड़ी साजिश है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल गुरु रामदास द्वार पर चौकीदार बनकर बैठे थे। उनकी दिशा में गोली चलाई गई। मैं गुरु नानक का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने अपने सेवक को बचाया।
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इसके साथ ही उन्होंने पंजाब की सत्तारूढ़ आप सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने राज्य के साथ क्या किया है। उन्होंने मांग की कि इस घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम अपनी सेवा जारी रखेंगे।
पूर्व मंत्री ने धोए बर्तन
धर्मगुरुओं ने सोमवार को वरिष्ठ अकाली नेता को सेवादार के रूप में सेवा करने और स्वर्ण मंदिर में बर्तन धोने और जूते साफ करने का निर्देश दिया। इस सजा के तहत पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और दलजीत सिंह चीमा ने बर्तन धोए।