जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने तालिबान पर बयान देकर सियासी गलियारों का माहौल खासा गर्म कर दिया है। दरअसल, अफगानिस्तान में बनी तालिबान की सरकार को लेकर फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि तालिबान अफगानिस्तान में अच्छा शासन देगा। हालांकि उनका बयान बीजेपी को रास नहीं आया है और बीजेपी नेता ने उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है।

फारूक अब्दुल्ला के बयान पर बीजेपी नेता ने साधा निशाना
श्रीनगर में एक कार्यक्रम में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि तालिबान को अफगानिस्तान में इस्लामिक नियमों के आधार पर शासन करना चाहिए, दुनिया के सभी देशों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने चाहिए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि तालिबान हर किसी से इंसाफ करेगा।
फारूक के इस बयान को लेकर बीजेपी आक्रामक हो गई है। बीजेपी नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने उनपर तगड़ा पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि तालिबान महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहा है, लेकिन फारूक अब्दुल्ला उसका ही पक्ष ले रहे हैं।
निर्मल सिंह ने कहा कि फारुख सिर्फ उन्हीं देशों में सेक्युलिरिज्म चाहते हैं, जहां मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं। लेकिन जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं वहां पर इस्लामिक नियम चाहते हैं।
गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला से पहले भी देश में तालिबान को लेकर बयानबाजी पर जंग हो चुकी है। शायर मुनव्वर राणा, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने तालिबान को लेकर जो बयान दिए उनपर काफी बवाल हुआ था।
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तालिबान को लेकर भारत की ओर से अभी स्पष्ट नीति का ऐलान नहीं किया गया है। भारत लगातार अपने सहयोगी देशों से चर्चा कर रहा है और वेट एंड वॉच की नीति को अपना रहा है। हालांकि, भारत की ओर से तालिबान के साथ एक बार आधिकारिक बातचीत दोहा में की गई है। लेकिन उसमें अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकालने पर फोकस रखा गया।
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