गोपेश्वर। चार धाम यात्रा के लिये सरकार की ओर से की गई ई-पास की व्यवस्था तीर्थयात्रियों के लिये आफत का सबब बन गई है। तीर्थयात्रियों का कहना है कि बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर जहां ऋषिकेश से पांडुकेश्वर तक ई-पास को लेकर कोई पूछताछ नहीं की जा रही है वहीं पांडुकेश्वर में ई-पास न होने पर प्रशासन ने उन्हें बदरीनाथ जाने से रोक दिया है। इससे बाहरी राज्यों से आये तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है।

उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकार ने चारधाम यात्रा के लिये ई-पास पंजीकरण, कोविड टीके लगने का प्रमाण पत्र या कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। लेकिन ई-पास को लेकर अनभिज्ञता के चलते बदरीनाथ की यात्रा पर आये तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बदरीनाथ की यात्रा पर आये उड़ीसा के पदमाचरण पंडा का कहना है कि ऋषिकेश से पांडुकेश्वर पहुंचने तक कई स्थानों पर कोविड को लेकर निरीक्षण किया गया। लेकिन ई-पास की कोई जानकारी नहीं दी गई।
अब उन्हें पांडुकेश्वर में ई-पास न होने के चलते बदरीनाथ जाने से रोक दिया गया है। ऐसे ही हरिद्वार के आकाश, गुजरात के महादेव का कहना है कि ई-पास न होने के चलते उन्हें प्रशासन की ओर से पांडुकेश्वर में रोका गया है। जबकि उनके पास कोविड के लिये सरकार की ओर से निर्धारित दस्तावेज उपलब्ध हैं। पांडुकेश्वर में ई-पास बनवाने की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने सरकार से ऋषिकेश में कोरोना जांच के समय ई-पास को लेकर जानकारी देने के साथ ई-पास बनवाने की व्यवस्था करने की बात कही है। उन्होंने कहा की पांडुकेश्वर में ई-पास के पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में साइबर कैफे की सुविधा के लिये भी उन्हें 23 किलोमीटर दूर जोशीमठ जाना पडे़गा।
बदरीनाथ की यात्रा पर आये बिना ई-पास वाले तीर्थयात्रियों के दर्शनों की व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत निर्धारित संख्या में पंजीकृत तीर्थयात्रियों के यात्रा पर न पहुंचने पर पांडुकेश्वर में रोके गये तीर्थयात्रियों को दर्शन करवाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। पांडुकेश्वर में चिकित्सकों की टीम तैनात कर तीर्थयात्रियों का एंटीजन टेस्ट भी करवाया जा रहा है।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine