यूपी पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, एनकाउंटर में मारा गया खूंखार अपराधी सोनू मटका  

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में 14 दिसंबर को पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद 39 वर्षीय गैंगस्टर अनिल उर्फ ​​सोनू मटका की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, वह दिल्ली में हाशिम बाबा गिरोह का जाना माना साथी था। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और यूपी एसटीएफ के संयुक्त अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

सोनू मटका दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई अपराधों में वांछित था, जिसमें दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में एक व्यक्ति और उसके भतीजे की हत्या भी शामिल है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया था।

मुठभेड़ का विवरण

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 14 दिसंबर की सुबह मेरठ के टीपी नगर इलाके में मुठभेड़ हुई, जब पुलिस को उसके इलाके में होने की सूचना मिली। मुठभेड़ के दौरान मटका गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मटका के पास से दो अत्याधुनिक पिस्तौल, 10 जिंदा कारतूस और एक बाइक बरामद की।

कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बयान

एसटीएफ मेरठ के एसपी बृजेश सिंह ने एक बयान में कहा कि सोनू मटका दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को टीपी नगर वेद व्यास पुरी में उसके ठिकाने के बारे में इनपुट मिला था। दिल्ली पुलिस ने इनपुट के बारे में एसटीएफ को सूचित किया। एक संयुक्त अभियान में दोनों टीमें सुबह 7 बजे वेद व्यास पुरी पहुंचीं।

पुलिस ने उसे उस समय पकड़ा जब वह अपनी बाइक पर किसी का इंतजार कर रहा था। पुलिस को देखकर वह भागने की कोशिश करने लगा और पुलिस ने उसका पीछा किया। मटका ने पुलिस पर फायरिंग की और 5-6 गोलियां चलाईं। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और एक गोली मटका को लगी जिससे वह बाइक से गिर गया।

एसटीएफ उसे जिला अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मुठभेड़ के दौरान करीब 12-15 राउंड फायरिंग हुई। वह 12 हत्या और लूट के मामलों में वांछित था। उसके खिलाफ दिल्ली और यूपी में कई मामले दर्ज थे। वह हाशिम बाबा और उमेश पंडित गिरोह से जुड़ा था।

संयुक्त ऑपरेशन विवरण

एक समाचार एजेंसी के अनुसार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसटीएफ) अमिताभ यश ने बताया कि मुठभेड़ टीपी नगर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुई। यह संयुक्त अभियान उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा चलाया गया।

उन्होंने बताया कि बागपत का रहने वाला मटका दिल्ली और यूपी में लूट और हत्या के कई मामलों में शामिल था। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के दौरान मटका गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले की आगे की जांच जारी है।

दिल्ली में मामा-भांजे की हत्या का संबंध सोनू मटका से

मटका दिल्ली में एक व्यक्ति और उसके भतीजे की हत्या के लिए वांछित था। दिवाली की रात को दोनों की हत्या कर दी गई, जब वे अपने घर के बाहर जश्न मना रहे थे। 17 वर्षीय एक लड़के ने कथित तौर पर वित्तीय विवाद के चलते मटका को काम पर रखा था। इस घटना में 44 वर्षीय आकाश शर्मा और उसके 16 वर्षीय भतीजे ऋषभ शर्मा की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि शूटर को काम पर रखने वाले किशोर ने शर्मा को करीब 70,000 रुपये उधार दिए थे और पैसे वापस नहीं लिए थे। शर्मा कथित तौर पर उसके कॉल का जवाब नहीं दे रहा था।

पैरोल के बाद फरार होना

गौरतलब है कि मटका 2014 से ही हत्या के एक मामले में जेल में बंद था। 2021 में वह अपनी पत्नी के ऑपरेशन का बहाना बनाकर पैरोल पर बाहर आया था। जून 2021 में उसे पुलिस के सामने सरेंडर करना था, लेकिन वह भाग निकला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा पर हमला करने की योजना बना रहा था।

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असफल हमला और जांच

मटका और उसका साथी अजय शर्मा पर हमला करने के लिए साहिबाबाद गए थे, लेकिन शर्मा के आसपास बहुत से लोग होने के कारण उन्हें भागना पड़ा। उन्होंने घटनास्थल पर एक बाइक छोड़ी जो हाशिम बाबा गिरोह के आमिर उर्फ ​​सलीम टिल्लन के नाम पर रजिस्टर्ड थी। अजय को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 30 नवंबर को गिरफ्तार किया था। मटका के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए उससे पूछताछ की गई।