उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट पर भाजपा के कई नेताओं के चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व तय करेगा कि वह चुनाव कहां से लड़ेंगे और लड़ेंगे भी या नहीं।
गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा वह बाल्यकाल से ही इस पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं। पार्टी जो कहेगी, वह करूंगा।
दिनेश शर्मा ने कहा कि लखनऊ के महापौर, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से लेकर गुजरात के प्रभारी जैसे दायित्वों को निर्वहन करता रहा हूं। किसी भी दायित्व के लिए हमने अपने स्तर पर मांग नहीं की। मैं उस भाव के साथ कार्य करता हूं कि जहां कम वहां हम। जहां जरूरत होगी पार्टी मुझे लगाएगी। यह तय करना पार्टी नेतृत्व का कार्य है।
भारतीय जनता पार्टी पार्टी नेतृत्व तय करेगा कि वह चुनाव कहां से लड़ेंगे। पार्टी में सबका कार्य निर्धारित है। पार्टी तय करती है कि किसको चुनाव लड़ना है, किसको मैनेजमेंट का कार्य देखना है और किसे चुनाव लड़ाना है। किसे दरी बिछानी है। मालूम हो कि लखनऊ कैंट सीट से चुनाव लड़ने की कई लोग दावेदारी कर रहे हैं। प्रयागराज की सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे को चुनाव लड़ाना चाह रही हैं। वह पार्टी से अपने बेटे के लिए टिकट की मांग की हैं। हालांकि अब वह बेटे को चुनाव नहीं लड़ाने की बात करने लगी हैं। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व से उनकी बात हो गयी है। मौजूदा विधायक सुरेश तिवारी की दावेदारी पक्की मानी ही जा रही है।
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भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय महा सचिव अभिजात मिश्र की नजर भी इस सीट पर है। पार्टी मौजूदा विधायकों के टिकट नहीं काटने की जिस रणनीति पर आगे बढ़ रही है, उससे सुरेश तिवारी को टिकट मिलने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।