कालीचरण की रिहाई की मांग को लेकर हिन्दू महासभा का प्रदर्शन

अखिल भारत हिन्दू महासभा की संतसभा के प्रदेश अध्यक्ष बाबा महादेव के नेतृत्व में आज यहां महात्मा गांधी को लेकर की टिप्पणी के मामले में जेल में बन्द कालीचरण महाराज की रिहाई की मांग को लेकर 1090 चौराहा गोमतीनगर में विरोध प्रदर्शन किया और राज्यपाल को ज्ञापन देने के लिये कूच करते ही वहां मौजूद पुलिस प्रषासन ने रोक दिया। कालीचरण की रिहाई की मांग को लेकर देशभर में हिन्दू महासभा विरोध प्रदर्शन कर रही है, इसी क्रम में आज तय कार्यक्रम के अनुसार अपराह्न 12 बजे 1090 चौराहा पर हिन्दू महासभा के सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंच गये और संतसभा के प्रदेश अध्यक्ष बाबा महादेव के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

प्रदर्शन के दौरान हिन्दू महासभा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष .ऋषि त्रिवेदी, राश्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी, प्रदेश महामंत्री सिद्धार्थ दुबे, श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष गोपी कृष्ण, व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल, किसान प्रकोष्ठ के अंकेश चौहान, डा. एन.के. अग्रवाल, सोनू विराज सिंह, जिलाध्यक्ष लखनऊ नीरज शुक्ला, लखनऊ महानगर अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव, हिन्दू युवा महासभा जिलाध्यक्ष अंशुमान त्रिवेदी सहित सैकड़ों की संख्या में साधू संत एवं पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद थे।

प्रदर्शन के दौरान संत सभा के प्रदेश अध्यक्ष बाबा महादेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल और उनके पिता खुद हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करते रहे है यही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही हिन्दू विरोधी है और सनातन धर्म और साधू संतो को निरन्तर तिरस्कार करती रहती है, जिसके क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार ने गांधी के अभिव्यक्ति व्यक्त करने वाली कालीचरण महाराज को जेल भेजकर साधू संत समाज का अपमान कर रही है।  जिसे बिल्कुल बर्दाष्त नहीं किया जा सकता है। इस मौके पर हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने कहा कि गांधी को राष्ट्रपिता कहने का कोई संवैधानिक उपाधि नहीं है, और इसे जबरन किसी पर थोपा नहीं जा सकता। श्री त्रिवेदी ने कहा कि गांधी ने हमेशा मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपनायी, और उनकी नीति के कारण भारत को धर्मनिरपेक्ष और पाकिस्तान को इस्लामिक देश बना। धर्मनिरपेक्ष के कारण भारत आज एक बार फिर उसी समस्या का सामना कर रहा है जिसको लेकर पाकिस्तान का निर्माण किया गया था।