बीते दिन गणतंत्र दिवस के मौके पर आंदोलित किसानों द्वारा दिल्ली में निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसक घटनाओं ने सियासी गलियारों का माहौल खासा गर्म कर दिया है। दरअसल, इस हिंसक मामले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उधर, बीजेपी ने इस हिंसक घटना की जमकर निंदा करती नजर आ रही है।
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए कई आरोप
दरअसल, दिल्ली में हुई इस हिंसक घटना को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा है कि महात्मा विदूर जैसे मंत्री, कृपाचार्य जैसे राजगुरू, द्रोणाचार्य जैसे महारथी और भीष्म जैसे मार्गदर्शक के रहते हुए भी हस्तिनापुर का सर्वनाश कैसे हो गया? क्योंकि दुर्योधन के अहंकार के सामने सब मौन रहे और इस मौन की कीमत सबको चुकानी पड़ी थी। सोचा, याद दिला दूं। #Farmer।
गुजरात में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि बीजेपी किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक जाएगी। गणतंत्र की परेड ख़त्म होती ही लाल किले पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने दंगा किया और किसानों को बदनाम किया। बीजेपी अपने फ़ायदे के लिए किसी भी व्यक्ति, समाज, पार्टी और आंदोलन को बदनाम करने में किसी भी हद तक जा सकती है।
कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि कोई पंधेर, पन्नू और दीप सिद्धू हैं ये तीन लोग जिन्हें अभी तक पंजाब वालों ने चिन्हित किया है, जिन्होंने ये सारा कारनामा किया है। इनको बहुत बड़ी फंडिंग हुई है कि किसानों के आंदोलन को कैसे तबाह करना है। सरकार को ऐसे लोगों को कालकोठरियों में डाल देना चाहिए। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसक घटनाओं की खबरें अत्यंत चिंताजनक हैं, लोकतंत्र मे हिंसा का कोई स्थान नहीं है। अहिंसा और शांति से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है। किसानों और जवानों ने भारत को हमेशा गौरवान्वित किया है। केंद्र सरकार देश और किसान हित में तत्काल तीनों कृषि कानून वापिस ले।
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उधर, इस घटना को लेकर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि जो शंका थी वो सही साबित हुई। किसान संगठन बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे कि अनुशासन रहेगा। हम जश्न में शामिल हो रहे हैं। यह जश्न था या गणतंत्र दिवस के दिन भारत पर हमला था? इन्होंने लाल किले को अपवित्र किया है। इस सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उकसाने का काम तो किसान संगठन के नेताओं ने किया। किसान संगठन का हर नेता सिर्फ भड़काने में लगा हुआ था। अब जब ये घटना घट गई तब वे तरह-तरह का ज्ञान दे रहे हैं।