असम में अगले वर्ष वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, इस चुनाव से पहले कांग्रेस ने दो विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा बोडो संगठन के एक वरिष्ठ नेता ने भी चुनाव से पहले भाजपा के साथ आने का फैसला किया है।
कांग्रेस के विधायकों ने थामा भाजपा का दामन
मिली जानकारी के अनुसार, असम के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और गोलाघाट की कांग्रेस विधायक अजंता निओग, कांग्रेस के लखीपुर विधायक राजदीप गोवाला और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के नेता बोलेंद्र मुशाहेरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रणजीत कुमार दास और मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में सत्ताधारी दल में शामिल हो गए।
मुशाहेरी बीपीएफ के पूर्व विधायक हैं, जोकि 2016 से भाजपा के सहयोगी है। वहीं गोवाला विधानसभा की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष रहे हैं। दो विधायकों के पार्टी छोड़ने और असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और पूर्व स्पीकर प्रणब गोगोई के निधन के साथ ही कांग्रेस की विधानसभा में विधायकों की संख्या घटकर 20 रह गई है।
शनिवार और रविवार को गुवाहाटी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान निओग और गोवाला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निओग को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में दल से निष्कासित कर दिया था।
भाजपा में शामिल होने के बाद, निओग ने कहा, कांग्रेस एक नेताहीन और दिशाहीन संगठन है जो एक प्राइवेट लिमिटेड पार्टी की तरह काम करती है। उन्होंने असम में मुस्लिम बहुल पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ कांग्रेस के जुड़ाव की भी निंदा की।
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नए भाजपा सदस्यों का स्वागत करते हुए सरमा ने कहा कि असम के दो प्रसिद्ध और कुशल राजनेता भाजपा में शामिल हुए हैं और हम उनका गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वे पार्टी के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे। सरमा भाजपा के नेतृत्व वाले कांग्रेस-विरोधी गठबंधन, नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक हैं।