आज का दिन देश के लिए बहुत ही ख़ास है। दरअसल, जिस कोरोना वायरस के खिलाफ देश की जनता बीते आठ महीनों से जंग लड़ रही थी, आज इसी महामारी से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन को लगाने की शुरुआत की गई है। हालांकि कोरोना टीकाकरण की यह शुरुआत कांग्रेस को रास नहीं आई है। दरअसल, कांग्रेस ने कोरोना वैक्सीन को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
कोरोना वैक्सीन को लेकर कांग्रेस सांसद ने उठाए सवाल
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा यदि वैक्सीन इतना सुरक्षित और विश्वसनीय है और वैक्सीन की प्रभावकारिता प्रश्न से परे है तो फिर यह कैसे हो सकता है कि सरकार का एक भी अधिकारी खुद को टीकाकरण के लिए आगे क्यों नहीं सामने आया है, यह दुनिया भर के अन्य देशों में हुआ है?
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कई आसन्न डॉक्टरों ने सरकार के साथ कोवैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षा के संबंध में यह कहते हुए सवाल उठाए हैं कि लोग यह नहीं चुन पाएंगे कि वे किस वैक्सीन को लेना चाहते हैं। यह सूचित सहमति के पूरे सिद्धांत के खिलाफ जाता है।
यह पहला मौका नहीं है, जब मनीष तिवारी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किये हैं। इसके पहले भी कोरोना वैक्सीन पर सवाल उठाते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि कोवैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल ही चल रहा है और सरकार ने इसी वैक्सीन को लगवाने जा रही है क्या भारतीय नागरिक गिनी पिग हैं?
आपको बता दें कि शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से देशभर में आज 3006 केंद्रों पर टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है। 3006 वैक्सीन केंद्रों पर तीन लाख हेल्थकेयर वर्करों को आज टीका लगेगा। ये विश्व का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान है।
यह भी पढ़ें : किसान आंदोलन के बीच NIA के रडार में कई संगठन, किसान नेता को थमाई नोटिस
पीएम मोदी टीकाकरण कार्यक्रम की शुभारंभ करते हुए देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन सर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में लगे हुए थे। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं। लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं।
पीएम मोदी ने Co-Win सॉफ्टवेयर ऐप को भी लॉन्च किया है। टीके लगवाने वाले का पूरा डेटा Co-Win सॉफ्टवेयर में अपलोड होगा और उन्हे डिजिटल सर्टिफिकेट भी मिलेगा। पीएम मोदी ने Co-Win सॉफ्टवेयर ऐप को भी लॉन्च किया है। टीके लगवाने वाले का पूरा डेटा Co-Win सॉफ्टवेयर में अपलोड होगा और उन्हे डिजिटल सर्टिफिकेट भी मिलेगा।