उत्तर प्रदेश में रेमडेसिविर सहित किसी भी प्रकार के जीवनरक्षक दवाओं की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित रखी जा रही है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक बैठक के दौरान यह बात कही। प्रदेशवासियों को आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए गठित ‘टीम-11’ के अधिकारियों को जुबिलियंट फार्मा, कैडिला, माइलान और सिप्ला जैसी निर्माता कंपनियों से लगातार संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए।
सीएम योगी ने ऑक्सीजन को लेकर दिए निर्देश
अधिकारियों ने बताया कि जुबिलियंट फार्मा की ओर से आज रेमडेसिविर की आपूर्ति कर दी जाएगी। जबकि कैडिला से परसों (गुरुवार) तक अहमदाबाद से 20,000 अतिरिक्त वॉयल प्राप्त हो जाएंगे। शेष कम्पनियों से सतत संवाद बनाकर प्रदेश में रेमडेसिविर की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनपदों से सम्पर्क बनाकर ऑक्सीजन, रेमडेसिविर एवं अन्य जीवनरक्षक औषधियों का सुचारु एवं पारदर्शितापूर्ण वितरण कराया जाए। ऑक्सीजन तथा जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी में संलिप्त तत्वों के खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस के रिस्पान्स टाइम को कम करने पर विशेष ध्यान दें। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग अभियान के दौरान जनपदों में की जा रही गतिविधियों की फोटोग्राफ्स सहित रिपोर्ट प्राप्त की जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कोविड में ड्यूटी करते हुए दिवंगत कोरोना वॉरियर्स की बीमा राशि का लंबित भुगतान तत्काल कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यह संवेदना राशि उनके परिवारों के लिए बड़ा संबल होगी।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 104 निजी प्रयोगशालाएं तथा 125 सार्वजनिक क्षेत्र की प्रयोगशालाएं कोविड टेस्ट कार्य में संलग्न हैं। अब तक कुल 3 करोड़ 84 लाख से अधिक कोविड टेस्ट हो चुके हैं। 18 अप्रैल, 2021 को निजी प्रयोगशालाओं द्वारा लगभग 19 हजार से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट किए गए हैं। सीएम ने कहा कि टेस्टिंग क्षमता में और बढ़ोतरी आवश्यक है। इस संबंध में सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।
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सीएम योगी ने कहा कि मास्क की महत्ता के बारे में लोगों को जगरूक करें। अपील से न मानने वाले लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाने की कार्रवाई हो। कंटेनमेंट जोन और क्वारन्टीन सेंटर के प्रावधानों को सख्ती से लागू करें। गेहूं खरीद के दौरान कोविड प्रोटोकाॅल पर विशेष ध्यान दिया जाए। गेहूं खरीद प्रक्रिया की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। भुगतान में विलंब न हो। पंचायत चुनावों में कार्यरत पुलिस बल व अन्य कार्मिकों की सुरक्षा के सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं। पंचायत चुनाव में एक साथ पांच से अधिक लोग एकत्रित न हों।