जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को फिर से बढ़ाने की पहल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीते दिन की गई अहम बैठक के बाद सियासियों गलियारों की हलचल काफी बढती नजर आ रही है, दरअसल, जम्मू-कश्मीर के कई राजनीतिक नेताओं के साथ पीएम मोदी द्वारा की गई इस बैठक को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। ऐसी ही एक प्रतिक्रिया पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने दी है। उन्होंने अपनी इस प्रतिक्रिया में पीएम मोदी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
मोदी की बैठक पर चिदंबरम ने दी प्रतिक्रिया
दरअसल, केंद्र की नीति की आलोचना करते हुए पी चिदंबरम ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने इस ट्वीट में लिखा है कि कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर के अन्य राजनीतिक दल पूर्ण राज्य का दर्जा पहले और चुनाव बाद में चाहते हैं। लेकिन केंद्र सरकार का रुख है कि चुनाव पहले और पूर्ण राज्य का दर्जा बाद में। चिदंबरम ने अपने इस ट्वीट में आगे लिखा कि घोड़ा ही गाड़ी को खींचता है। एक राज्य को ही चुनाव करवाने चाहिए, तभी चुनाव निष्पक्ष और आजादी से हो पाएंगे। केंद्र सरकार गाड़ी को आगे रखकर घोड़ा पीछे क्यों रखना चाहती है। यह विचित्र है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं ने शिरकत की थी। बैठक करीब साढ़े तीन घंटे चली। इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, एनएसए अजित डोभाल के अलावा कुछ अन्य बड़े अधिकारी भी शामिल हुए।
इस बैठक में राजनीतिक दलों ने पीएम मोदी से मांग की थी कि राज्य में चुनाव करवाए जाएं, पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिया जाए। कई राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 370 के फैसले को वापस लेने की बात भी कही।
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मोदी सरकार की ओर से कहा गया है कि सभी राजनीतिक दल परिसीमन की प्रक्रिया में मदद करें, क्योंकि इसके बाद चुनाव ही अगला कदम है। हालांकि, पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर केंद्र की ओर से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को यह जरूर दिया जाएगा, लेकिन उचित वक्त पर दिया जाएगा। पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए परिसीमन और चुनाव जरूरी है।