देवताओं में प्रथम पूज्य पार्वती पुत्र श्री गणेश की बुधवार के दिन पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है, पुराणों के अनुसार, देवों के देव हैं गणपति। देवताओं की पूजा में उनका पहला स्थान है। गणपति को मोदक बहुत प्रिय हैं इसलिए उन्हें बुधवार को मोदक का भोग लगाना चाहिए।
गणपति की पूजा के लिए दिन में पांच बार ऊं गणपतये नम: या गं गणपति नम: का जाप किया जाता है। कोढियों को दान देने और चंद्रमा को अर्घ्य देने से भी गणपति खुश होते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं वह मंत्र जिसका ध्यान करने से खुश होते हैं गणपति…
इस मंत्र के साथ करें गणेशजी का ध्यान-
“खर्व स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरं प्रस्यन्दन्मद गन्धलुब्धम धुपव्यालो लगण्ड स्थलम
दंताघात विदारिता रिरूधिरैः सिन्दूर शोभाकरं वन्दे शलसुता सुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम्”
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इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।