नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के भीतर चल रही उठापटक के बीच नेताओं के फोन टैप किये जाने के खुलासे पर कांग्रेस नेतृत्व एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया कि राज्य में फोन टैपिंग संविधान सम्मत प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं। भाजपा ने फोन टैपिंग की केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का राजनीतिक ड्रामा हम देख रहे हैं। ये षड़यंत्र, झूठ फरेब और कानून को ताक पर रखकर कैसे काम किया जाता है, उसका मिश्रण है। वहां जो राजनीतिक नाटक खेला जा रहा है, वो यही मिश्रण है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार 2018 में बनी, श्री अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने, उसके बाद एक शीत युद्ध की स्थिति कांग्रेस पार्टी की सरकार में बनी रही। कल श्री गहलोत ने स्वयं मीडिया के सामने आकर कहा है कि 18 महीने से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच में वार्तालाप नहीं हो रहा था।
उन्होंने कहा कि 2018 में सरकार बनने से पहले कांग्रेस के दो गुटों में सड़क पर लड़ाई हो रही थी। बाद में वह सड़क की लड़ाई पार्टी के आलाकमान और फिर उच्च न्यायालय तक पहुंच गयी। लेकिन आरोप भाजपा पर लगाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस का नेतृत्व भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं लेकिन पाप उन्हीं के घर में हैं, दाग उन्हीं के घर में हैं और साजिश भी उन्हीं के घर में रची जा रही है।”
डॉ. पात्रा ने कहा कि कल कुछ तथाकथित ऑडियो टेप सामने आये हैं और श्री गहलोत द्वारा फोन पर वार्तालाप के इन ऑडियो टेप को प्रामाणिक बताया गया है जिससे कुछ बहुत महत्वपूर्ण सवाल पैदा हो गये हैं और कांग्रेस नेतृत्व एवं श्री गहलोत को तत्काल उनका उत्तर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या उनकी सरकार फोन टैपिंग करा रही है? क्या यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील एवं कानूनी विषय नहीं है?
अगर फोन टैप कराये गये हैं तो क्या मानक प्रक्रिया का पालन किया गया है? क्या राजस्थान सरकार ने विपरीत राजनीतिक परिस्थितियों में येनकेन प्रकारेण खुद को बचाने के लिए गैर संवैधानिक कृत्य किया ? क्या राजस्थान में किसी ना किसी राजनीतिक दल से संबद्ध हर व्यक्ति का फोन टैप हो रहा है? क्या इसे राजस्थान में अप्रत्यक्ष आपातकाल नहीं माना जाये?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस का फोन टैप कराने एवं बगिंग कराने का इतिहास रहा है। देश में फोन टैपिंग कराने का एक मानक प्रोटोकॉल है। सरकार ने 2019 में संसद में एक प्रश्न के उत्तर में उसे सार्वजनिक किया था। देश में केवल दस एजेंसियों को देशहित में फोन टैपिंग करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि भाजपा इस पूरे प्रकरण का सीबीआई द्वारा तुरंत जांच कराने की मांग करती है। क्या मानक प्रक्रिया का पालन हुआ, क्या फोन टेपिंग हुई, क्या सभी राजनीतिक पार्टी के सभी लोगों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है।