रूस और यूक्रेन के बीच आज आठवें दिन भी जंग जारी है. इस बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों का मसला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है. चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने मामले को लेकर अटॉर्नी अटॉर्नी जनरल को कोर्ट में तलब करने का काम किया है. कोर्ट में CJI ने याचिकाकर्ता से भी सवाल किया. उन्होंने पूछा कि आखिर इस मामले में कोर्ट क्या कर सकता है ? हालांकि, CJI ने बाद में कहा कि यह जरूरी मसला है. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आगे केंद्र को कहा कि रोमानिया बॉर्डर पर फंसे छात्रों को निकालने के लिए कदम उठाए जाएं.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से रोमानिया की सीमा के पास यूक्रेन में फंसे कुछ भारतीय छात्रों को निकालने में मदद करने के लिए गुरुवार को कहा है. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक वकील की उन अर्जियों पर गौर किया , जिसमें कहा गया था कि रोमानिया की सीमा पर जमा देने वाली ठंड के बीच बड़ी संख्या में छात्र फंसे हैं और सरकार रोमानिया से उड़ानें संचालित नहीं कर रही है.
वकील ने पीठ को क्या बताया
वकील ने पीठ को बताया कि उड़ाने पोलैंड और हंगरी से संचालित हो रही हैं, रोमानिया से नहीं. बड़ी संख्या में लड़कियों सहित छात्र बिना किसी सुविधा के वहां फंसे हुए हैं. इस पर पीठ ने कहा कि हम सबको उनसे सहानुभूति है, लेकिन इसमें अदालत क्या कर सकती है. पीठ ने शीर्ष विधि अधिकारी से फंसे हुए छात्रों की मदद करने पर विचार के लिये कहा है. आपको बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं.
भारत को रूस से मिलने वाले हथियारों की आपूर्ति पर यूक्रेन युद्ध का असर नहीं
183 भारतीय नागरिकों को बुखारेस्ट से लेकर विशेष विमान मुंबई पहुंचा
इधर युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे 183 यात्रियों को रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से लेकर एक विशेष विमान गुरुवार सुबह मुंबई पहुंचा. यूक्रेन से विमान के जरिए आज यहां पहुंचे एक छात्र ने बताया कि यूक्रेन में कई छात्र फंसे हुए हैं और सबसे ज्यादा परेशानियां यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में है, जहां फंसे लोगों को मदद की जरूरत है. वहीं, एक अन्य छात्रा ने बताया कि घर वापस आने के लिए विमान में सीट आरक्षित कराना मुश्किल था. छात्रों ने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया.