शिमला। हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले के तोश नाला में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में पैदल पार करने वाला एक पुल और तीन अस्थायी छप्पर बह गए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कुल्लू के उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने बताया कि यह घटना सुबह मणिकरण के तोश इलाके में हुई और इसमें किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि स्थिति का आकलन करने के लिए एक टीम घटनास्थल पर भेजी गई है।
उन्होंने कहा, लोगों से हमारी अपील है कि वे नदियों एवं नालों से दूर रहें और नालों के पास अस्थायी ढांचे न बनाएं। उपायुक्त ने कहा कि मानसून के दौरान निर्माण गतिविधि प्रतिबंधित है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय मौसम विभाग ने बुधवार और बृहस्पतिवार को राज्य के सात जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने दो और तीन अगस्त को भी अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने कहा कि अगले चार से पांच दिन में मानसून की गतिविधियां तेज होने की संभावना है और बड़े पैमाने पर वर्षा होगी। मौसम विभाग ने कहा कि बुधवार और बृहस्पतिवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
विभाग ने कुल्लू, सोलन, सिरमौर, शिमला और किन्नौर जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ की संभावना जताई है तथा निचले इलाकों में तेज हवाएं चलने एवं जलभराव के कारण बागानों और खड़ी फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने की चेतावनी भी दी है। इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, सोमवार शाम से शिमला, सराहन और रोहड़ू में 12 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि संगड़ाह (10 मिमी), जोगिंदर नगर (आठ मिमी), सैंज (6.5 मिमी), मनाली (छह मिमी), रामपुर (5.8 मिमी), धर्मशाला (5.4 मिमी) और गोहर (पांच मिमी) में भी बारिश दर्ज की गई।
सोमवार शाम तक दर्ज आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 27 जून को मानसून की शुरुआत के बाद पिछले एक महीने में बारिश से संबंधित घटनाओं में 62 लोगों की मौत हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मानसून में राज्य को 425 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।