मातृशक्ति को सामर्थ्यवान और सबल बनाना हमारा मंतव्य: जेपी नड्डा

देहरादून। देश की मातृशक्ति को भारतीय जनता पार्टी सामर्थ्यवान और सबल बनाना चाहती है। महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के समापन अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने विशेष व्यवस्था के लिए स्थानीय टीमों का आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि हमारा कार्यकर्ता इतना सामर्थ्यवान है कि उसे जो जिम्मेदारी सौंपी जाती है उसको कर्मठता से निभाता है। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति ने जितनी सेवा राष्ट्र की है उतनी अन्य लोगों द्वारा नहीं की गई होगी। करोना काल में मास्क बनाने के काम से लेकर भोजन तक पकाया है।

उन्होंने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान आवश्यक है। हमारी संस्कृति में इस पर निरंतर चर्चा हुई है। इसका वर्णन वेदों, उपनिषदों तथा अन्य धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। हमारा इतिहास, पुराण तथा अन्य प्रभावशाली ग्रंथ मातृशक्ति की विशिष्टता की चर्चा करते रहे हैं। देवी शकुंतला ने जंगलों में रहकर अपने पुत्र भरत को इतना मेधावी बनाया कि उन्होंने जैसा शासन किया है वह इतिहास का विषय बना है। जंगल में रह कर अपने पुत्र को सामर्थ्यवान शिक्षित बनाना, योद्धा बनाना तथा हर क्षेत्र में विशिष्ट बनाना यह मात्र मातृशक्ति की ही कृपा के कारण हो सका।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज हम सह शिक्षा की बात कर रहे हैं लेकिन हमारे पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि मातृशक्ति तथा पुरुष साथ-साथ शिक्षा प्राप्त करते थे। गुरुकुल में मातृशक्ति को विशेष स्थान दिया जाता था। एक नारे की चर्चा करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हम आज “लेडीज फस्ट” की बात करते हैं लेकिन हमारे यहां गौरीशंकर, सीताराम, राधाकृष्ण जैसे शब्द वर्षों से प्रचलित हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि हमारे देश में मातृशक्ति विशेष सम्मानित रही है। स्वतंत्रता संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई ने युद्ध प्रारंभ किया था। उसके बाद हजारों हजार मातृशक्ति ने इस संग्राम में भाग लिया। भारतीय इतिहास की इन महिलाओं के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। स्वतंत्र भारत में पहली बार हमारे प्रधानमंत्री ने उद्योग, चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान विदेश जैसे विभिन्न विभागों को मातृशक्ति को सौंपा था। यह इस बात का प्रतीक है कि हमारे देश में मातृशक्ति पूरी तरह सामर्थ्यवान तथा कार्य कुशल है। खेलों में हमारी बेटियों ने जो श्रेष्ठता हासिल की है, वह अपने आप में विलक्षण है। पीवी सिंधु , साइना नेहवाल जैसे दर्जनों नाम खेल में अपनी विशिष्टता के कारण जाने जाते हैं। डॉक्टर आनंदी भोपाल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की हजारों महिलाओं ने अपनी श्रेष्ठता विभिन्न क्षेत्रों में साबित की हैं। हम सब लोग मातृशक्ति को मन से नमन करते हैं और हमारी प्राथमिकता है कि मातृशक्ति सदैव आगे रहे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महिला मोर्चा के कार्यकर्ताओं को विशेष सेवाभावी होने के लिए बधाई दी। उन्होंने आग्रह किया तथा कहा कि प्रधानमंत्री ने टीकाकरण महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में विशेष प्रयोग किया है। उनके मन में हमेशा नए कार्यकर्ताओं के उत्थान और उनकी योग्यताओं का लाभ उठाने की परिकल्पना रहती है। सबका साथ, सबका विकास, सब का विश्वास, सबका प्रयास इस मंतव्य के मूल में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने निर्मला सीतारमण, सुषमा स्वराज जैसी दर्जनों वरिष्ठ नेताओं को शक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य जैसे विभाग महिलाओं को दिए गए थे। मंत्रिमंडल में अब तक सबसे अधिक महिलाओं की संख्या है जो स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि हम सबको अपनी बौद्धिक क्षमता का सदुपयोग संगठन के लिए करना चाहिए।

भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कई महिला कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी तथा कहा कि मातृशक्ति समाज के माध्यम से हमारी योजनाएं जनता तक पहुंचेगी और इनका लाभ आम आदमी को मिलेगा। उन्होंने राजमाता विजय राजे सिंधिया को विशेष रूप से याद किया तथा कहा कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को भुलाया नहीं जा सकता। यह हमारी मातृशक्ति की पहचान है। उन्होंने राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बी एल संतोष तथा राष्ट्रीय महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानाती श्रीनिवासन तथा अन्य पदाधिकारियों को भी इस आयोजन के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा कि यह कार्यकारिणी कई मायनों में विलक्षण साबित होगी। इससे पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बी एल संतोष ने कार्यकर्ताओं से अपेक्षा कि वह संगठन में बिना किसी अपेक्षा के कार्य करें। निश्चित रूप से संगठन उनका मूल्यांकन करता है। उन्होंने कहा कि हम अपनी तुलना किसी से न करें, संगठन के पास हजारों हजारों कार्यकर्ता हैं। किसी की कुछ विशिष्टता है और किसी की कुछ विशिष्टता है। हम भी वर्षों से पार्टी में हैं और दूसरे भी पार्टी में आए हैं लेकिन संगठन किसे कौन सा दायित्व सौंपता है यह उसके अपने प्रज्ञा की बात है। इसलिए तुलना करना ठीक नहीं है। हमें अपने काम को प्रभावी बनाना है।

उन्होंने प्रश्नोत्तर के दौरान भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं के प्रश्न उत्तर दिए। संतोष ने कहा कि हमें 33 परसेंट नहीं, महिलाओं को 57 फीसद आरक्षण देना है लेकिन इसमें समय लगेगा। उन्होंने गठबंधन सरकारों के प्रश्न पर भी यथोचित जवाब दिया तथा कार्यकर्ताओं से आग्रह किया हम संगठन को यथोचित समय दें लेकिन यह भी ध्यान रखें हमारे कार्य से हमारा परिवार प्रभावित न हो ताकि पार्टी और हमारे परिवार में सामंजस्य बना रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि हम संगठन के लिए परिवार से मिलकर निरंतर कार्य करते रहें ताकि परिवार भी पलता रहे और संगठन भी चलता रहे।

इस मौके पर महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानाती श्रीनिवासन , राष्ट्रीय महिला मोर्चा की महामंत्री इंदु बाला गोस्वामी, दीप्ति रावत, सुप्रीत कौर, महिला मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, महिला मोर्चा राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नीतू दवास, महामंत्री (संगठन) अजेय, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी, कुलदीप कुमार, सुरेश भट्ट, उत्तराखंड सरकार में मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत, प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल व राष्ट्रीय महिला मोर्चा की पदाधिकारी और विशिष्ट जन उपस्थित रहे।