उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में मतदान जारी है। हालांकि, इसी मतदान के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने बुर्के को लेकर एक दूसरे के खिलाफ नई जंग छेड़ दी है। दरअसल, मतदान के दौरान सपा ने पुलिसकर्मियों पर उत्तर प्रदेश में कुछ लोगों को वोट डालने से रोकने का आरोप लगाया हैं। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया कि कुछ बुर्का पहनी महिला मतदाताओं के चेहरे उनके पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे हैं। दोनों दलों ने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से किया आग्रह
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से वीडियो साक्ष्य के आधार पर कथित मतदाता दमन का तत्काल संज्ञान लेने, दंडात्मक कार्रवाई करने और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का आग्रह किया। पार्टी ने पहले चुनाव आयोग से यह निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था कि मतदान के दिन पुलिस अधिकारियों को मतदाताओं की पहचान की जांच करने की अनुमति नहीं है, केवल मतदान अधिकारियों को ही ऐसा करने की अनुमति है।
एक्स पर एक पोस्ट में अखिलेश यादव ने कहा कि वोटर कार्ड और आधार आईडी की जांच करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों को वीडियो साक्ष्य के आधार पर तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए। पुलिस को आधार आईडी कार्ड या पहचान पत्र की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने मुजफ्फरनगर जिले के मीरापुर से पार्टी उम्मीदवार सुम्बुल राणा का एक वीडियो साझा करते हुए पुलिसकर्मियों पर लोगों को मतदान करने से रोकने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
‘लोगों को परेशान किया जा रहा’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हम गांव-गांव जा रहे हैं, लोगों को परेशान किया जा रहा है और उन्हें वोट नहीं डालने दिया जा रहा है। पुलिस अधिकारी लोगों को परेशान कर रहे हैं और उनसे कह रहे हैं कि वे वोट नहीं डाल सकते। वे एक पहचान पत्र मांग रहे हैं और फिर दूसरा पहचान पत्र मांग रहे हैं। वे सभी पहचान पत्रों की जांच कर रहे हैं, लेकिन फिर भी लोगों को वोट नहीं डालने दिया जा रहा है।
सपा उम्मीदवार राणा ने दावा किया कि इस तरह की शिकायतें नयागांव, नगला बुज़ुक, संबलहेड़ा और निर्वाचन क्षेत्र के अन्य इलाकों से आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हम शिकायतें कर रहे हैं लेकिन अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सपा के दावों पर भाजपा ने किया पलटवार
विपक्षी पार्टी के दावों पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में चल रहे उपचुनावों में हार से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी मतदाताओं का भरोसा खो चुकी है। इसीलिए उन्होंने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में बाहरी उपद्रवी तत्वों को इकट्ठा किया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बुर्का पहनी महिलाओं के चेहरे उनके पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग और प्रशासन से अपील करती है कि वे यह सुनिश्चित करें कि पहचान पत्रों के मिलान के बिना मतदान की अनुमति न दी जाए और चुनाव आयोग के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सपा के मीडिया सेल ने मुरादाबाद की कुंदरकी सीट समेत कुछ स्थानों पर कथित चुनाव आचार संहिता उल्लंघन को भी उजागर किया। इसमें कहा गया कि पार्टी के एजेंटों को मतदान केंद्रों के पास जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
बीकानेरपुर में फर्जी मतदान का आरोप
मुरादाबाद के डीएम अनुज सिंह ने कहा कि एक पार्टी की ओर से रिपोर्ट मिली है कि बीकानेरपुर में फर्जी मतदान का आरोप लगाया गया है और दावा किया गया है कि प्रशासन ने उनके एजेंटों को अनुमति नहीं दी है। उन्होंने कहा कि हमने इन दावों की पुष्टि की है। मैंने खुद बीकानेर में मतदान अधिकारी से बात की और पाया कि मतदान सुचारू रूप से चल रहा है और किसी मतदाता को कोई परेशानी नहीं हो रही है। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भी है।
कानपुर में सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के मतदाता प्रशासन की गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं और प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगा रहे हैं।
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कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान जारी है। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक चलेगा। मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।