उत्तर प्रदेश के विधायी, न्याय एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री बृजेश पाठक ने रविवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी में झोंक देना चाहते हैं इसलिए उनसे अपील है कि इस चुनाव में जिस तरह से उनकी भागदौड़ है वह वैक्सीन की डोज प्राप्त करें।
बृजेश पाठक ने रविवार को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस कोरोना महामारी में भारत दुनिया में लीडर बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मस्तक ऊंचा हुआ है। भारत ने देश और प्रदेश की जनता को कोविड से बचाने, उपचार करने और फिर वैक्सीन बनाने में महत्वपूर्ण सफलता अर्जित किया है। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो कोविड प्रोटोकाल का पालन तक नहीं करना चाहते। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकारें प्रदेश और देश की जनता को बचाने में लगी रहीं, वहीं विपक्ष गैर जिम्मेदाराना हरकत कर रहा है।
पाठक ने कहा कि विपक्ष ने इस दौरान देश और प्रदेश की जनता की चिंता नहीं की। खासकर उत्तर प्रदेश में विपक्ष के लोगों ने प्रदेश की परवाह नहीं की। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो भ्रम फैलाने का काम भी किया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की वैक्सीन है। वह नहीं लगाएंगे, लेकिन उनके पिताजी, उनकी पत्नी और बच्चों ने वैक्सीन लगवाई है। पाठक ने कहा कि वह जिस प्रकार से चुनाव में काम कर रहे हैं, उन्हें भी वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। वह लगातार कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। वह इसे फैलाने में मदद कर रहे हैं। हम डिम्पल भाभी से अपील करते हैं कि वह खुद अखिलेश को लेकर जाएं और वैक्सीन लगवाएं।
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पाठक ने कहा, मैं प्रदेश की जनता से अपील करना चाहूंगा कि वे लोग अपने लोगों को उनकी रैलियों में जाने से रोकें। ऐसे लोगों के साथ जाने से रोकें जो लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर सकते। अखिलेश यादव लोगों को कोविड जैसी महामारी में झोंक रहे हैं। उनसे दूरी बना कर रखें। पाठक ने प्रदेश की जनता से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बचाव ही एक बेहतर इलाज है। इसको आधार बनाकर यूपी ने बहेतर कार्य किया। हमारी सरकार ने लोगों को कोरोना से बचाया। सामान्यत: आप देखते होंगे कि प्रधानमंत्री जैसे उच्च पद पर बैठे हुए लोग दवा की फैक्ट्रियों में जाकर उसका निरीक्षण नहीं करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने हर स्तर पर चिंता की। उन्होंने फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया। उन्होंने उद्योगपतियों से बात की। वैज्ञानिकों के संपर्क में लगातार बने रहे। भारत ने दो-दो महत्वपूर्ण वैक्सीन बनाने में सफलता प्राप्त की।