पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भले ही खुद पर हमला होने का राग अलाप रही हों, यकीन इस मुद्दे पर उन्हें लगातार मुंह की खानी पड़ रही है। अब तो उनके नेतृत्व वाली सरकार ने भी उनपर हुए हमले की बात से मुंह फेरना शुरू कर दिया है। दरअसल, ममता बनर्जी की सरकार ने चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंपी है। इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि ममता पर हमले के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।
ममता बनर्जी पर हुए हमले के नहीं मिले सबूत
पश्चिम बंगाल में चुनाव के लिए नियुक्त किए गए विशेष पुलिस पर्यर्वेक्षक विवेक दुबे ने एक दिन पहले नंदीग्राम का दौरा किया। घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। इसकी जो प्रारंभिक रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी गई है उसमें इस बात का जिक्र है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमले का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
ममता सरकार की इस रिपोर्ट में चश्मदीदों से की गई बातचीत का जिक्र है। किसी भी चश्मदीद ने हमले का जिक्र नहीं किया है। इलाके में एक दुकान में सीसीटीवी लगा तो था लेकिन वह काम नहीं कर रहा था, इसलिए जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि फिलहाल उन पर हमला होने अथवा नहीं होने को लेकर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है।
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उल्लेखनीय है कि बुधवार को नंदीग्राम में नामांकन दाखिल करने पहुंची मुख्यमंत्री ममता चोटिल हो गई थीं। उनके पैर में चोट लगी थी जिसके बाद उन्होंने दावा किया था कि नंदीग्राम के ही चार-पांच लोगों ने जानबूझकर उन्हें धक्का दिया। हालांकि बाद में स्थानीय लोगों ने बताया था कि ममता को किसी ने धक्का नहीं दिया था बल्कि कार के बोनट पर पैर रखकर खुले दरवाजे से वह लोगों को नमस्कार कर रही थीं और गाड़ी धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी। उसी समय दरवाजे की टक्कर पास के लैंप पोस्ट से हुई जिसमें उनका पैर चंप गया।