उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। इन सब के बीच से बड़ी खबर लखनऊ से आ रही है जिसे भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा सकता है। खबर के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ नेता और योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल को स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना इस्तीफा भेजा है। सूत्रों की माने तो स्वामी प्रसाद मौर्य नाराज चल रहे थे।

सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
अपने इस्तीफे के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। अखिलेश यादव के साथ उनकी एक तस्वीर भी सामने आ गई है। अखिलेश यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे में कहा कि दलितों, पिछड़े, किसानों, बेरोजगार युवाओं, छोटे और मध्यम व्यापारियों के प्रति लापरवाह रवैये के कारण मैं यूपी कैबिनेट में श्रम, रोजगार और समन्वय मंत्री के पद से इस्तीफा देता हूं।
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स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। वह बहुजन समाज पार्टी के बड़े नेता थे। जमीनी स्तर पर उनकी पकड़ मजबूत है। वह ओबीसी के बड़े चेहरा माने जाते हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि केंद्रीय स्तर पर भी भाजपा को झटका लग सकता है। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य फिलहाल भाजपा से सांसद हैं। उन्होंने 2019 में बदायूं से लोकसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
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