बलिया : फेफना विधानसभा सीट के लिए सपा ने संग्राम सिंह पर फिर जताया भरोसा, दिया टिकट

समाजवादी पार्टी ने फेफना विधानसभा सीट के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यहां से संग्राम सिंह को टिकट दिया गया है। पिछली बार भी वे सपा से ही लड़े थे। तब यहां से भाजपा के उपेन्द्र तिवारी चुनाव जीत गए थे। बसपा से लड़े अम्बिका चौधरी दूसरे और संग्राम सिंह तीसरे स्थान पर थे।

फेफना विधानसभा क्षेत्र को यादव बाहुल्य सीट माना जाता है। भूमिहार बिरादरी के मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। सपा ने जिस संग्राम सिंह यादव को अपना टिकट थमाया है। वह चिलकहर (अब अस्तित्व समाप्त) से 1993 में विधायक रह चुके हैं। वे समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। 2017 में सपा प्रत्याशी के रूप में फेफना से संग्राम सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। बावजूद इसके क्षेत्र में लगातार बने रहे। अम्बिका चौधरी के बसपा छोड़ कर सपा में वापसी के बाद टिकट को लेकर कयासबाजी चल रही थी जो गुरुवार को समाप्त हो गई। सपा ने पिछली बार के अपने उम्मीदवार संग्राम पर ही भरोसा जताया है। देखना है कि पार्टी के भरोसे पर वे कितना खरा उतरते हैं।

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अतीत में फेफना विधानसभा सीट

इस विधानसभा क्षेत्र का नाम पहले कोपाचीट हुआ करता था। यह विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अंबिका चौधरी का गढ़ रही है। अंबिका चौधरी पहली बार 1993 में इस सीट से विधानसभा पहुंचे थे। अंबिका चौधरी 1993 के बाद 1996, 2002 और 2007 में भी इस सीट से विधायक चुने गए। 2012 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे उपेन्द्र तिवारी ने अंबिका के विजय रथ को रोका था। 2017 में उपेन्द्र तिवारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के अंबिका चौधरी को 17 हजार से अधिक वोटों के अंतर से पराजित कर दिया और लगातार दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए। सपा के संग्राम सिंह यादव तीसरे स्थान पर रहे थे। उपेन्द्र तिवारी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति के प्रोडक्ट हैं। फिलहाल योगी सरकार में मंत्री हैं।