उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में एक हजार से अधिक हुए धर्मांतरण के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केस दर्ज किया है। एटीएस द्वारा जांच के दौरान मिले साक्ष्य के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई की है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली निवासी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को विदेशों से फंडिंग होने के सबूत मिले हैं। एटीएस की रिमांड पर चल रहे दोनों आरोपितों से अब ईडी की टीम भी पूंछताछ कर सकती है।
धर्मांतरण मामले में अपर मुख्य सचिव (गृह) ने दी जानकारी
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने शुक्रवार को यह बताया कि धर्मांतरण के प्रकरण में दोनों को विदेशों से फंडिंग किए जाने के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिए पैसा आ रहा था और विदेशी खाते का ट्रांजैक्शन सामने आया है। एक खाता भी कनफर्म हो गया है, जिसमें विदेशों से रकम आती थी। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडिंग कहां-कहां से हुई? हवाला के जरिए किन-किन खातों से या कैसे-कैसे पैसा पहुंचा है? इन सब की जांच की जा रही है।
अवस्थी ने यह भी कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण के इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गम्भीर हैं और जांच एजेंसियों से पल-पल की खबर ले रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर इस मामले की जांच एटीएस व एसटीएफ कर रही है। इसमें ईडी के साथ ही सुरक्षा जांच एजेंसियों की मदद ली जा रही है।
यह भी पढ़ें: किसान आंदोलन: दिल्ली बॉर्डर पर शुरू हुआ ट्रैक्टरों का रिहर्सल, मोदी सरकार को मिली बड़ी चेतावनी
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण के बारे में अधिक जानकारी के लिए एक नम्बर भी जारी किया गया है। साथ ही ईमेल से भी इनपुट मांगा जा रहा है। सभी इनपुट मिलने के बाद जांच को आगे बढ़ाया जायेगा।