गुस्सा आना आम है। यह एक भावनात्मक प्रवृत्ति है। किसी को गुस्सा कम आता है तो किसी को ज्यादा। यह हर किसी के लिए बड़ी समस्या है। गुस्सा न केवल रिश्तों को खराब करता है बल्कि खुद के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। अगर आपको बात-बात पर गुस्सा आता है तो आपको अध्यात्म की ओर लौटने की जरूरत है, ताकि आपका मन शांत हो सके।
क्रोध पर काबू पाने का विष्णु मंत्र
ॐ शांताकाराय नम:
इस मंत्र के जाप से आपको गुस्सा तो नहीं आएगा। साथ ही ईश्वर की कृपा दृष्टि आप पर सदैव बनी रहेगी। आपके बिगड़ते काम बन जाएंगे।
वैदिक शांति मंत्र
ॐ ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदं: पूर्णात्पूर्णमुदच्यते, पूर्णस्य पूर्णमादाय पुर्णमेवावशिष्यते, ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:
इस मंत्र का प्रतिदिन 21 बार जप करने से लाभ जरूर मिलता है। ये भी ध्यान रखें कि मंत्रों को पूरी शुद्धता के साथ ही पढ़ें। प्रतिदिन सुबह स्नान करके ईश्वर की आराधना के साथ इन मंत्रों का जाप करें तो आपके काम बनते जाएंगे। लोग आपकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे।आपका व्यवहार सौम्य और मधुर रहेगा।
झुंझलाहट और चिड़चिड़ेपन से निजात
कर्कोटस्य नागस्य दमयन्त्या नलस्य च। ऋतुपर्णस्य राजर्षे: कीर्तनं कलिनाशनम्।।
ज्यादातर लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर भी झुंझलाहट दिखाने लगते हैं। ये मंत्र झुंझलाहट पर काबू रखने में मददगार है। इसके लिए हमें महर्षि वेदव्यास रचित महान ग्रंथ महाभारत की ओर मुड़ना होगा। इसमें कलियुग द्वारा राजा नल को वरदान देते हुए कही गई है, इस मंत्र को प्रतिदिन 108 बार पढ़ने से झुंझलाहट और चिड़चिड़ेपन से निजात मिलती है।
ॐ गतक्रोधाय नम:
वैदिक विधान के अनुसार इस अचूक मंत्र का प्रतिदिन 108 बार 5 मालाओं में जप करना चाहिए। दरअसल प्राचीन ऋषि और आधुनिक विज्ञान का भी यही मानना है कि मस्तिष्क की तंत्रिकाओं के जरिए गुस्से पर ना सिर्फ काबू पाया जा सकता है, बल्कि अपनी खुशियों को बढ़ाया भी जा सकता है।