नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव में हार के बाद समाजवादी परिवार में एक बार फिर से दरार पड़ती नजर आ रही है. अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया Shivpal Yadav की भाजपा से नजदीक होने की खबरें आ रही है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा (BJP) शिवपाल यादव को विधानसभा में डिप्टी स्पीकर बना सकती है. इसके साथ ही उनके भाजपा में शामिल होने की भी खबर है. इस पूरे मामले पर PSPL प्रवक्ता अरविंद यादव ने कहा कि जब समाजवादी पार्टी शिवपाल यादव का सम्मान नहीं कर रही है तो शिवपाल यादव भी अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने आगे कहा कि अगले एक दो दिन में तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी कि शिवपाल यादव कौन सा कदम उठाने जा रहे हैं.
चुनाव के बाद अखिलेश और शिवपाल के बीच बढ़ी दूरियां
समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले शिवपाल यादव ने समाजवादी गठबंधन के सत्ता के करीब नहीं पहुंचने पर शिवपाल यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव की कार्यशैली पर सवाल उठाना शुरू कर दिया. इसके बाद से ही अखिलेश यादव से उनकी दूरियां बढ़ती जा रही हैं. सपा उन्हें अपना विधायक से ज्यादा सहयोगी दल प्रसपा का अध्यक्ष मानती है. गौरतलब है कि होली के अवसर पर मुलायम, रामगोपाल और अखिलेश यादव के साथ सैफई में होली खेलने वाले शिवपाल 26 मार्च के बाद यह कहकर नाराजगी जताई थी तो उन्हें सपा की बैठक में नहीं बुलाया गया. लेकिन जब 29 मार्च को उन्हें बुलाया गया तो शिवपाल ने बैठक में शामिल होने की जगह भरथना में भागवत सुनना पसंद किया. वहीं, 30 मार्च को शिवपाल ने शपथ ग्रहण के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और फिर नवरात्रि के पहले दिन सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फॉलो करना शुरू कर दिया था.
उपाध्यक्ष बने तो अखिलेश के बगल में बैठेंगे शिवपाल
अभी तक आ रही खबरों के मुताबिक अगर प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव को भाजपा यूपी विधानसभा में डिप्टी स्पीकर की कुर्सी पर बैठता है तो शिवपाल सदन में अपने भतीजे और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बाजू में ही बैठेंगे. विधानसभा उपाध्यक्ष की सीट सदन में नेता प्रतिपक्ष के ठीक बगल में ही होती है. लिहाजा, अगर शिवपाल डिप्टी स्पीकर बनते हैं तो वह अखिलेश यादव के के बाजू वाली सीट पर बैठेंगे.
शिवपाल के भाजपा में शामिल होने की अटकलें हुई तेज
प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव के इन सब कामों से उनके भाजपा में शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें भाजपा की ओर से राज्यसभा में भेजे जाने और उनकी सीट जसवंत नगर पर उपचुनाव में उनके बेटे आदित्य यादव को उतारने की भी चर्चा चल रही है. राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि भाजपा के रणनीतिकारों के पास शिवपाल को राज्यसभा के अलावा उपाध्यक्ष बनाने का भी विकल्प है. दरअसल, विधानसभा में इस बार सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बतौर नेता प्रतिपक्ष आक्रामक तेवर के संकेत दे दिए हैं. ऐसे में विधानसभा उपाध्यक्ष के तौर पर शिवपाल (Shivpal Yadav) को बिठाकर भाजपा नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर बढ़त हासिल करने की कोशिश करेगी.